2014-12-15 14:49:19

आनन्द की तलाश में आपको अन्यत्र भटकने की आवश्यकता नहीं


वाटिकन सिटी, सोमवार, 15 दिसम्बर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 14 दिसम्बर को, संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा,

″अति प्रिये भाइयो, बहनो, एवं बच्चो,
सुप्रभात,

पिछले दो सप्ताह से ही आगमन काल का समय प्रभु के आगमन हेतु उनका मार्ग तैयार करने के लिए हमें आध्यात्मिक रूप से जागने का निमंत्रण दे रहा है। इस तीसरे रविवार की धर्मविधि, हमें एक अलग प्रकार की आंतरिक अनुभूति का एहसास प्रदान कर रही है और वह है आनन्द की अनुभूति। येसु का आनन्द। जैसा की कहा गया है ‘ये सु घर का आनन्द’।″

संत पापा ने कहा कि मानव हृदय आनन्द की खोज करता है। हम प्रत्येक आनन्द चाहते हैं, प्रत्येक परिवार तथा सभी लोग खुशी पाने की कामना करते हैं जबकि ख्रीस्तीय उस आनन्द को जीने एवं उसका साक्ष्य देने के लिए बुलाये गये हैं।

ईश्वर हमारे जीवन में उपस्थित रह कर हमारे करीब रहते हैं। बेतलेहेम में जन्म लेने के द्वारा जब येसु ने इतिहास में प्रवेश किया, तब उन्होंने मानव जाति के बीच ईश राज्य का बीज बोया जिसे मानव जाति ने उस भूमि की तरह उसे स्वीकार किया जो बहुत फल उत्पन्न करने की आस रखता हो।

संत पापा ने कहा, ″आनन्द की तलाश में आपको अन्यत्र भटकने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि येसु ने सदा के लिए तथा हम सभी के लिए आनन्द लाया है। ऐसा नहीं है कि यह केवल भावी आनन्द है या स्वर्ग में ही प्राप्त किये जाने के लिए स्थगित किया गया है अथवा हम यहाँ उदास हैं किन्तु स्वर्ग में आनन्दित होंगे। ऐसा बिलकुल नहीं है किन्तु हम अभी भी वास्तविक और प्रत्यक्ष आनन्द का एहसास कर सकते हैं क्योंकि स्वयं येसु हमारे आनन्द हैं और जब येसु हमारे घर में निवास करते हैं तो आनन्द हमारे घर में होता है।

संत पापा ने उपस्थित सभी लोगों को इस वाक्य को दुहराने का निमंत्रण दिया, ″येसु के साथ घर में आनन्द है।″ उन्होंने कहा कि वे जीवित हैं, वे पुनर्जीवित हो चुके हैं तथा हम में क्रियाशील हैं विशेषकर, पवित्र वचन एवं संस्कारों के माध्यम से।″

उन्होंने कहा कि कलीसिया द्वारा बपतिस्मा प्राप्त ख्रीस्तीय होने के कारण हम ईश्वर की उपस्थिति को स्वीकार करने के लिए बुलाये गये हैं साथ ही, उसकी खोज करने में अन्यों को मदद करने तथा भूले हुए लोगों को याद दिलाने के लिए आमंत्रित किये गये हैं। संत पापा ने कहा कि संत योहन बपतिस्ता के समान यह ख्रीस्त को प्रकट करने के लिए न कि खुद को प्रकट करने के लिए बुलाये गये हैं। यह एक सुन्दर प्रेरिताई है क्योंकि ख्रीस्त ही हमारे उस आनन्द के स्रोत हैं जिसकी खोज मानव हृदय करता है।

आज की धर्मविधि में संत पौलुस ‘आनन्द के प्रचारकों’ की शर्तों को बतलाते हुए कहते हैं, ″निरन्तर प्रार्थना करते रहें, सब बातों के लिए ईश्वर को धन्यवाद दें; क्योंकि ईसा मसीह के अनुसार आप लोगों के विषय में ईश्वर की इच्छा यही है। आत्मा की प्रेरणा का दमन नहीं करें और भविष्यवाणी के वरदान की उपेक्षा नहीं करें; बल्कि सब कुछ परखें और जो अच्छा हो, उसे स्वीकार करें। हर प्रकार की बुराई से बचते रहें।″(1थेस.5.17-22)

संत पापा ने कहा, ″यदि हमारा जीवन सचमुच इस प्रकार होगा तो हम कई परिवारों एवं लोगों को ईश वचन स्वीकार करने तथा मुक्तिदाता येसु की खोज करने में मदद कर पायेंगे। हम उन्हें आंतरिक शांति प्राप्त करने तथा दैनिक जीवन की चुनौतियों का सामना करने का बल प्राप्त करने में सहयोग करेंगे। एक ख्रीस्तीय वह है जिसका हृदय शांति से भरा होता है क्योंकि वह जीवन की कठिन से कठिन परिस्थिति में भी ख्रीस्त से अपना आनन्द प्राप्त करना जानता है। विश्वास करने का अर्थ जीवन की कठिनाईयों से दूर होना नहीं है किन्तु यह ज्ञात करना होता है कि उन चुनौतियों का सामना करने के लिए हम अकेले नहीं हैं। यही शांति ईश्वर अपने पुत्र-पुत्रियों को प्रदान करते हैं।

संत पापा ने कहा कि ख्रीस्त जयन्ती हमारे अत्यन्त करीब है अतः कलीसिया हमें यह साक्ष्य देने का निमंत्रण देती है कि येसु न केवल 2000 वर्षों पूर्व जन्मे थे किन्तु वे अब भी ईश्वर के शब्द हैं जो मनुष्यों का पथ आलोकित करता है। सारी मानव जाति के लिए संस्कार उनकी कोमलता का प्रतीक है, पिता ईश्वर की सहानुभूति तथा उनके प्रेम का चिन्ह है। हमारे आनन्द का कारण कुँवारी मरिया, हमें प्रभु में आनन्द मनाने के लिए प्रेरित करती है। अर्थात् हम आंतरिक और बाह्य दोनों प्रकार के बंधनों से मुक्त हों।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्ररितिक आशीर्वाद दिया।
देवदूत प्रार्थना समाप्त करने के पश्चात् उन्होंने देश-विदेश से एकत्र सभी विश्वासियों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा, ″मैं आप सभी का अभिवादन करता हूँ खासकर, सभी परिवारों, पल्ली के सदस्यों तथा इटली एवं विश्व के कोने-कोने से एकत्र सभी संगठनों के सदस्य का।″

संत पापा ने पोलैंड के विश्वासियों का अभिवादन करते हुए उनके साथ ‘उदारता वर्ष’ में सहभागी होने के लिए, ख्रीस्त जयन्ती का मोमबत्ती जलाया तथा सद्भावना के प्रति अपने समर्पण को सुदृढ़ किया।
तत्पश्चात् संत पापा ने बच्चों का अभिवादन किया जो बालक येसु की प्रतिमा की आशीष हेतु उसे अपने साथ लेकर आये थे। ‘चेंत्रो ओरातोरी रोमानी’ द्वारा आयोजित उन बच्चों को संत पापा ने उनकी उपस्थिति के लिए उन्हें बधाई तथा धन्यवाद दी। संत पापा ने बच्चों को ख्रीस्त जयन्ती की शुभकामनाएँ देते हुए चरनी के सम्मुख अपने के लिए भी प्रार्थना करने का आग्रह किया। उन्होंने बच्चों को प्रार्थना का मर्म समझाते हुए कहा कि प्रार्थना हमारी आत्मा का स्वास है यह अति महत्वपूर्ण है कि हम दिन के समय निकाल कर ईश्वर के लिए अपना हृदय द्वार खोलें। संत पापा ने ख्रीस्त जयन्ती के अवसर पर एक छोटा उपहार भेंट अर्पित किया जो विभिन्न परिस्थितियों के लिए बने प्रार्थनाओं के संकलन से बनी एक किताब है।

संत पापा ने सभी से आग्रह करते हुए कहा कि आप इसमें से एक-एक ले जाकर प्रार्थना द्वारा ईश्वर से जुड़े रहें।
अंत में संत पापा ने सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।








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