2014-12-11 15:21:42

ईश्वर एक माँ के समान


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 11 दिसम्बर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ ″ईश्वर एक माँ के समान हैं जो हमें स्वतंत्र होकर प्यार करते हैं किन्तु बहुधा हम उस कृपा को सीमित करना चाहते हैं। यह बात संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मार्था के प्रार्थनालय में 11 दिसम्बर को पावन ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए कही।

उन्होंने बृहस्पतिवार को पावन ख्रीस्तयाग में प्रवचन देते हुए कहा कि ईश्वर अपने लोगों से दूर रहकर नहीं किन्तु उनके करीब रहकर उनकी मुक्ति करते हैं।
संत पापा ने प्रवचन में नबी इसायस के ग्रंथ से लिए गये पाठ पर चिंतन करते हुए कहा कि ईश्वर हमारे इतने करीब हैं कि उन्हें एक माता के रूप में प्रस्तुत किया गया है। जिस प्रकार एक माँ अपने बच्चे के साथ बड़े धीरज से बातें करती है उसी प्रकार ईश्वर बड़े प्रेम और धीरज से हमारे साथ बातें करते हैं।

उन्होंने कहा कि ईश्वर हमें प्यार करते हैं और यह उनका मुफ्त वरदान है जिस प्रकार एक माँ का प्यार अपने बच्चे के प्रति असीम और मुफ्त होता है। यही ईश्वर की कृपा है किन्तु हम कई बार इस कृपा को सीमित करना चाहते हैं तथा उसे एक वस्तु की तरह समझने लगते हैं और उसका हिसाब लगाते हैं।

संत पापा ने याद दिलाई कि येसु के समय में भी एक दल था जो कृपा को अपने वश में रखना चाहता था। फ़रीसी अपने राजनीतिक अधिकार द्वारा कई प्रकार के नियमों को लोगों के गंधों पर डाल देते थे। संत पापा ने कहा कि वे अपने आप को ठीक समझते थे किन्तु अकेला हो जाने के डर से भयभीत रहते थे।

संत पापा ने कहा कि ईश्वर की कृपा उस प्रकार का नहीं है यह हमारे करीब है तथा इसमें कोमलता है। संत पापा ने कहा कि ईश्वर के प्रति प्यार तथा पड़ोसियों के प्रति प्यार एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है यद्यपि हम ईश्वर से जुड़े हैं और उनके असीम प्रेम का अनुभव करते हैं तथापि यह हमारे लिए पूर्ण नहीं है क्योंकि उनके प्रेम को हम पड़ोसियों के माध्यम से भी प्राप्त करते हैं।

संत पौलुस नियम की आध्यात्मिकता जो कहता है मैं सही हूँ क्योंकि मैं इस कार्य को करता हूँ। और गलत क्योंकि मैं इस कार्य को नहीं करता हूँ पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं।
वे कहते हैं कि हम सभी न्यायसंगत हैं क्योंकि ईश्वर हमारे नजदीक हैं वे हमें प्यार करते हैं।
संत पापा ने कहा कि यदि हमें ईश्वर की उस कोमलता के प्रति अपने हृदय को खोलने का साहस है तो हम पूर्व स्वतंत्रता प्राप्त होगी।








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