विश्व बंधुत्व आर्दश मात्र नहीं, हर मानव प्राणी का सपना
वाटिकन सिटी, सोमवार 1 दिसंबर, 2014 (सीएनए) संत पापा फ्राँसिस समर्पित जीवन का वर्ष
का उद्धाटन करते हुए समर्पितों से कहा कि समर्पित जीवन साहस, एकता और आनन्द का जीवन हो।
विदित हो कि 50 वर्ष पूर्व द्वितीय वाटिकन महासभा द्वारा धर्मसमाजी जीवन के नवीनीकरण
तथा रूपान्तरण पर प्रकाशित दस्तावेज़ " परफेक्ताय कारितातिस " के आधार पर संत पापा ने
ख्रीस्तीय शिष्यता की सुन्दरता और महत्ता पर प्रकाश डाला।
समर्पित जीवन का वर्ष
रविवार 30 नवम्बर 2014 से आरंभ हो गया है जो 2 फरवरी 2016 तक जारी रहेगा।
समर्पित
जीवन वर्ष के उद्धाटन समारोह के लिये रविवार 30 नवम्बर को वाटिकन सिटी के संत पेत्रुस
महागिरजाघर में सम्पन्न यूखरिस्तीय बलिदान में संत पापा के संदेश को कार्डिनल जोआओ ब्राज
दे अविज़ ने पढ़ा।
विदित हो कि संत पापा 28 से 30 नवम्बर पर तक तुर्की की अपनी
प्रेरितिक यात्रा के कारण समारोह में हिस्सा नहीं लिया।
संत पापा ने समर्पित
विश्वासियों से कहा कि वे ईश्वर प्रदत्त समर्पित जीवन को आनन्द से ग्रहण करें। उन्होंने
बल देकर कहा, " दुनिया के लोगों को दिखलाओ कि येसु का अनुसरण करा और उसके सुमसाचार के
अऩुसार जीना तुम्हारे लिये अपार खुशी की बात है। "
संत पापा ने कहा कि समर्पित
प्रत्येक सेवक या सेविका ऐसा प्रभु भक्त है जो " साहसी " और ईश्वर के प्रेम का अनुभव
करता है और यह भी जानता है कि उसे ईश्वर पर पूर्ण भरासे रखना है।"
संत पापा फ्राँसिस
ने समर्पित लोगों से कहा कि वे ऐसे प्रभु भक्त बनें जिनका जीवन की नींव है प्रभु से गहरा
प्रेम। उन्होंने कहा कि दुनिया को यह बतायें कि विश्व बंधुत्व केवल एक आदर्श नहीं है
पर पूरी मानवता का सपना है।
समर्पित जीवन के संघ और प्रेरितिक जीवन का समुदाय
के लिय बनी समिति के अध्यक्ष कार्डिनल जोआव ब्राज ने अपने प्रवचन में कहा कि संत पापा
फ्राँसिस जो कि स्वयं के समर्पित व्यक्ति है चाहते हैं कि वे समर्पित जीवन के वर्ष को
माता मरिया को समर्पित करें।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक समर्पित सेवक और सेविका
को चाहिये कि अपने मन्नतों शुद्धता, दरिद्रता और आज्ञापालन के द्वारा ईश्वर के प्रेम
का निकट से अनुभव करे।