हम नये अधिकार की बात करते हैं जबकि भूखे प्रतिष्ठा की
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 21 नवम्बर 2014 (वीआर अंग्रेजी)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार
20 नवम्बर को, रोम स्थित संयुक्त राष्ट्रसंघ के खाद्य एवं कृषि विभाग के मुख्यालय का
दौरा किया। संयुक्त राष्ट्रसंघ के खाद्य एवं कृषि विभाग के मुख्यालय फाओ का दौरा
करने का संत पापा का मुख्य उद्देश्य था, ‘पोषण’ विषयवस्तु पर इस सप्ताह हो रहे द्वितीय
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने वाले सदस्यों को सम्बोधित करना।
संत पापा
ने उन्हें सम्बोधित करते हुए कहा, ″जब लोग नये अधिकार की बात करते हैं उन लोगों को न
भूलें जो भूखें हैं, उन्हें भी नागरिकता की गरिमा के साथ पहचाना जाना चाहिए।″
ज्ञात
हो कि सन् 1992 ई. में संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने रोम स्थित फाओ तथा विश्व स्वास्थ्य
संगठन (डब्ल्यू एच ओ) के मुख्यालय का दौरा किया था उसके 22 वर्षों बाद संत पापा फ्राँसिस
ने पुनः फाओ का दौरा किया।
संत पापा फ्राँसिस ने संत जॉन पौल द्वितीय के शब्दों
की याद की जिसमें उन्होंने खाद्य पदार्थ के विषय में एक विरोधाभास को प्रकट किया था।
उन्होंने कहा कि भोजन सभी के लिए है किन्तु सभी उसे खा नहीं सकते जबकि बड़ी मात्रा में
खाद्य पदार्थ नष्ट किये जाते, व्यर्थ खर्च होते और भोजन का दुरुपयोग किया जाता है। उन्होंने
कहा कि दुर्भाग्य से ये विरोधाभास आज भी प्रासंगिक है।
भूख तथा कुपोषण की समस्या
के समाधान हेतु चल रहे सम्मेलन की संत पापा ने सराहना की तथा कहा कि कलीसिया भी ग़रीबों
एवं जरूरतमंदों के लिए यही कार्य करती है। संत पापा ने बाजार को सर्वाधिक महत्व देने
तथा मुनाफे पर अधिक ध्यान देने के बारे में कहा कि यह भूख तथा कुपोषण से जूझ रहे लोगों
के खिलाफ है।
संत पापा ने अधिकार के मुद्दे पर बातें करते हुए कहा कि हम नये अधिकारों
की बात करते हैं जबकि भूखे लोग राह किनारे भूखे ही पड़े रहते हैं। उनकी नागरिकता के अधिकार
को पहचाना जाना बेहद आवश्यक चाहिए। उन्हें भी पर्याप्त भोजन मिलना चाहिए। उन्होंने कहा
कि हम उनके लिए प्रतिष्ठा की मांग करते हैं न की परोपकार।
संत पापा ने अंतरराष्ट्रीय
संगठनों का आहवान करते हुए कहा कि वे सहानुभूति तथा न्याय, शांति, सद्भाव, प्रेम तथा
वार्ता एवं आपस में एक दूसरे को सुनने जैसे स्वाभाविक सदगुणों में बढ़ें।