बिलासपुर, बुधवार 12 नवम्बर, 2014 (बीबीसी) छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 13 महिलाओं की
नसबंदी के बाद मौत होने के बाद, अब बिलासपुस के ही एक अन्य इलाक़े से नसबंदी के बाद बैगा
जनजाती की एक महिला की मौत हो गई है। कुछ दिन पहले बिलासपुर के पेंडारी में 83 महिलाओं
की नसबंदी के बाद 13 महिलाओं की मौत हो गई जबकि कई अब भी अस्पताल में भर्ती हैं। ताज़ा
जानकारी के मुताबिक अब बिलासपुर के ही एक नए इलाक़े गौरेला में 16 महिलाओं को गंभीर हालत
में छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया है। बिलासपुर में सोमवार
को गौरेला, पेंड्रा और मरवाही में राज्य सरकार के नसबंदी शिविरों में 52 महिलाओं की नसबंदी
की गई थी। छत्तीसगढ़ में बैगा समुदाय समेत विशेष संरक्षित 5 जनजातियों की नसंबदी पर
सरकार ने पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रखा है। लेकिन इस समुदाय की दो महिलाओं को छत्तीसगढ़
आयुर्विज्ञान संस्थान में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया. इनमें से एक की मौत हो गई
जबकि दूसरी महिला का हालत गंभीर है। बुधवार से गौरेला, पेंड्रा और मरवाही में बड़ी
संख्या में महिलाओं की तबीयत बिगड़नी शुरू हुई है। इसके बाद पेंड्रा के एसडीएस डॉक्टर
अभिमन्यु सिंह ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर छापा मारा और अस्पताल से सिप्रोसिन-500
टेबलेट जब्त किए। उन्होंने आशंका जताई कि इसी दवा के कारण महिलाएँ बीमार हुई है। बिलासपुर
के पेंडारी में हुई मौतों के बाद राज्य सरकार ने चार डॉक्टरों को निलंबित किया, आपराधिक
मामला दर्ज कराया और स्वास्थ्य सचिव का तबादला कर दिया. इस बीच, महिलाओं की मौत का
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य शासन को नोटिस जारी किया है।