वाटिकन सिटी, बुधवार 12 नवम्बर, 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने जी-20 शिखर सम्मेलन
के पूर्व ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी अब्बोट को एक पत्र लिखा है। ब्रिसबेन
में 15 -16 नवम्बर को होनेवाले जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री
करेंगे। संत पापा ने अपने संदेश में लिखा कि शिखर सम्मेलन की तैयारी काल यह बात उभर
कर सामने आयी है कि लोगों को स्थायी रोज़गार मिले जो बहुत महत्वपूर्ण है।
स्थायी
रोज़गार के लिये ज़रूरत है सार्वजनिक खर्च और निवेश की गुणवत्ता को बढ़ाना, निजी निवेश
को बढ़ावा देना, टैक्स प्रणाली को उचित रखना, कर चोरी का समाधान करना और आर्थिक क्षेत्र
में ईमानदारी, सुरक्षा और पारदर्शिता लाना।
संत पापा ने कहा कि जी-20 राष्ट्रों
के अध्यक्षों की राजनीतिक और तकनीकि बहस मात्र से हज़ारों लोगों को क्षति हो रही है।
उच्चस्तरीय विचार-विमर्श यदि वहीँ तक सीमित रह जाते हैं तब तो ये घोषणा मात्र बने रहेंगे।
संत पापा ने कहा है कि जी-20 राष्ट्रों को चाहिये कि वे मध्यपूर्वी राष्ट्रों
में आतंकवाद को रोकें।
अन्यायपूर्ण आक्रमण को रोकने के लिये सैन्य बल काफी नहीं
है पर जी-20 राष्ट्रों को चाहिये कि वे उन पर लगाम लगायें जो इसके लिये राशि उपलब्ध कराते
हैं। इसके साथ आतंकवाद के मूल कारणों जैसे गरीबी या अपवर्जन आदि के निराकरण के उपाय खोज
निकालें। संत पापा ने कहा कि पूरी दुनिया जी-20 से इस बात की उम्मीद करती है कि कुछ
ऐसे समझौते हों जिससे संयुक्त राष्ट्र संघ की कानूनी प्रणाली द्वारा मध्य पूर्वी राष्ट्रों
में होने वाले आक्रमणों पर रोक लग सके।