संत फ्राँसिस जेवियर के अवशेष के दर्शन के विशेष इन्तज़ाम
पणजी, बुधवार 5 नवम्बर, 2014 (उकान) गोवा में संत फ्राँसिस जेवियर के अवशेष के 17वें
दर्शन समारोह में लोगों को पर्याप्त समय दिया जायेगा ताकि वे अवशेष या ' रेलिक ' के
दर्शन कर प्रार्थऩा कर सकें।
उक्त बात की जानकारी देते हुए अवशेष दर्शन समारोह
के संयोजक फादर अल्फ्रेड वाज़ ने बताया कि पूर्व के दर्शन समारोहों में तीर्थयात्री संत
फ्राँसिस जेवियर के ताबूत का चुम्बन मात्र कर सकते थे और उन्हें शिकायत थी कि वे घंटो
इंतज़ार करने के बाद कुछ पल भी वहाँ व्यतीत नहीं पाते थे।
उन्होंने बतलाया कि
इस वर्ष रेलिक दर्शन समारोह के कार्यक्रम को इस तरह से व्यवस्थित किया गया है कि तीर्थयात्री
को अर्द्ध गोलाकार रूप से पंक्तिबद्ध होकर दर्शन का इंतज़ार करेंगे ताकि उन्हें पवित्र
अवशेष के समीप समय बिताने और प्रार्थना करने का अवसर उपलब्ध होगा।
फादर वाज़
ने बतलाया कि ताबूत चुम्बन के बाद भी पवित्र रेलिक को बॉम जेसु महागिरजाघर में ही रखा
जायेगा जहाँ तीर्थयात्री फिर से प्रार्थना तथा अपना सम्मान अर्पित कर सकें।
विदित
हो कि संत फ्राँसिस जेवियर का अवशेष गोवा के बॉम जेसु बसिलिका में रखा गया है और इस प्रत्येक
दस वर्षों के बाद ही बाहर आमदर्शन के लिये निकाला जाता है। रेलिक को 22 नवम्बर से
आम लोगों के लिये बाहर रखा जायेगा जो 4 जनवरी 2015 तक उपलब्ध रहेगा।
फादर वाज़
ने इस बात की जानकारी दी कि राज्य के मुख्यमंत्री सहित गोवा के महाधर्माध्यक्ष और अन्य
51 विशिष्ट अतिथियों के लिये प्रबंधक समिति ने विशेष योजना बनायी ताकि वे पूर्ण सुरक्षा
में अवशेष के दर्शन कर सकें।