संत पापा ने ‘ऑरियान्ताले लूमेन’के तीर्थयात्रा दल को सम्बोधित किया
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 24 अक्तूबर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित क्लेमेंटीन सभागार
में संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 24 अक्तूबर को ‘ऑरियान्ताले लूमेन’ के तत्वाधान में
आयोजित ख्रीस्तीय एकतावर्धक तीर्थयात्रा के एक दल से मुलाकात की।
इन्हें सम्बोधित
कर संत पापा ने कहा, ″सभी ख्रीस्तीय तीर्थयात्रा एक यात्रा है न केवल भौगोलिक किन्तु
उससे भी बढ़कर आंतरिक नवीनीकरण की यात्रा। यह ख्रीस्त हमारे प्रभु की ओर अधिक से अधिक
नजदीक जाने की यात्रा है जो विश्वास उत्पन्न करती तथा उसे पूर्णता तक पहुँचा देती है।″
संत पापा ने कहा कि ये आयाम अत्यन्त आवश्यक है जो मेल-मिलाप के रास्ते पर आगे
ले चलता तथा सभी विश्वासियों को ख्रीस्त में एक कर देता है। उन्होंने कहा कि सच्ची ख्रीस्तीय
एकता वर्द्धक वार्ता मन-परिवर्तन के लिए प्रेरित करता तथा ख्रीस्त एवं उनकी इच्छा के
प्रति निष्ठा की मांग करती है।
संत पापा ने तीर्थयात्रियों की सराहना करते हुए
कहा कि उन्होंने संत पापा जॉन पौल द्वितीय एवं संत पापा जॉन 23 वें की संत घोषणा हेतु
अनुदान किया जो काथलिक कलीसिया और ऑथोडोक्स कलीसिया के बीच गहन संबंध को प्रोत्साहन प्रदान
करता है।
संत पापा ने तीर्थयात्रियों को पनार में उनकी अगली यात्रा हेतु शुभकामनाएँ
अर्पित की जहाँ वे कुस्तुनतुनिया के ऑथोडोक्स प्राधिधर्माध्यक्ष बार्थोलोमियो प्रथम से
मुलाकात करेंगे।
ज्ञात हो कि रोम के धर्माध्यक्ष संत पापा फ्राँसिस तथा कुस्तुतुनिया
के ग्रीक ऑथोडोक्स प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोमियो प्रथम के बीच मुलाकात के दौरान, परमधर्मपीठ
एवं पूर्वी रीति की कलीसिया के बीच एक संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किये जायेंगे तथा दोनों
के बीच प्रेम और सच्चाई की भावना में संबंधों को और अधिक मज़बूत किया जाएगा।
संत
पापा ने सभी तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएँ अर्पित करते हुए उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद
प्रदान किया।