वाटिकन सिटी, बुधवार 22 अक्तूबर, 2014 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के
अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में विश्व
के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया।
उन्होंने इतालवी
भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, आज की धर्मशिक्षामाला में
कलीसिया के अर्थ पर चिन्तन करना जारी रखें। प्रेरित संत पौलुस ने कलीसिया को ' प्रभु
येसु का शरीर ' कहा है। जिस तरह हमारा शरीर एक है और इसके अनेक अंग हैं उसी प्रकार कलीसिया
भी एक है और उसके अनेक अंग हैँ।
इस संबंध में एजेकियेल का स्वप्न पर भी चिन्तन
करना अर्थपूर्ण है। एजिकेएल के ने जो स्वप्न देखा था उसमें ईश्वर का आत्मा खेत में पड़ी
सूखी हड्डियों को जीवन देता है जो कलीसिया का ही प्रतीक है। काथलिक कलीसिया को येसु का
आत्मा प्राप्त हुआ और उसे नया जीवन मिला।
बपतिस्मा के द्वारा हम भी येसु के साथ
एक हो गये हैं और उसकी मृत्यु तथा पुनरुत्थान में शामिल हुए हैं। इस तरह से हम पवित्र
आत्मा को प्राप्त करने योग्य बनकर येसु के दिव्य शरीर के अंग बन गये हैं जिसके शीर्ष
है - पुनर्जीवित ख्रीस्त।
येसु ख्रीस्त के शरीर के साथ एक होने के कारण हम इस
बात के लिये भी बुलाये गये हैं कि हम दुनियावी प्रलोभनों विशेष करके विभाजन या विवादों
और पर विजय प्राप्त करें। इस तरह हम पवित्र आत्मा की प्रेरणा से ही उसके वरदानों के लिये
धन्यवाद दें, दूसरों में उन्हीं गुणों को देखें और उनकी मदद करें - जो ज़रूरतमंद हैं।
इतना कहकर संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।
उन्होंने
भारत, इंगलैंड, चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया, वेल्स, वियेतनाम, डेनमार्क, नीदरलैंड, जिम्बाब्ने,
दक्षिण कोरिया फिनलैंड, ताइवान, नाइजीरिया, आयरलैंड, फिलीपीन्स, नोर्व, स्कॉटलैंड.
फिनलैंड, जापान, उगान्डा, कतार, मॉल्टा, डेनमार्क , कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, हॉंन्गकॉंन्ग,
अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को
विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना
प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।