काठमांडु, सोमवार 20 अक्तूबर, 201 4 (बीबीसी) नेपाल में बर्फ़ीले तूफ़ान में अब तक कम
से कम 39 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।
नेपाली पर्यटन मंत्रालय के एक
अधिकारी के हवाले से बताया है कि अब तक 39 लोगों की इस हादसे में मौत हो चुकी है।
अब
तक 20 शव निकाले जा चुके हैं, जबकि 19 लोगों के शव अभी भी बर्फ़ में हैं जिन्हें रविवार
को निकालने की कोशिश की जाएगी।
राहत और बचाव के काम में जुटे अधिकारियों के मुताबिक़
384 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और लगातार चौथे दिन भी लापता लोगों की तलाश
जारी है. बाहर निकाले गए लोगों में 216 विदेशी हैं।
नेपाल में हाल के वर्षों में
ट्रैकिंग के दौरान इसे सबसे बड़ा हादसा बताया गया है. नेपाल की सेना ने भारी बर्फ़बारी
से बाधित हुए रास्तों को साफ़ कर दिया है।
प्रभावित इलाक़े में अभी भी बर्फ़ के
नीचे कई लोगों के फंसे होने की आशंका है. मरने वाले पर्वतारोहियों में नेपाल, भारत,
स्लोवाक, इसराइल, पोलैंड और कनाडा के नागरिक हैं। बचाए गए पर्वतारोहियों में कई लोगों
के हाथ-पांव ठंड की वजह से सुन्न हो गए हैं और उनके अंगों को काटने की नौबत भी आ सकती
है।
धौलगिरी के सांगड़ा ला इलाक़े में कई लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा
रही है. जिनकी तलाश में हेलिकॉप्टर के ज़रिए खोजी अभियान जारी है।
अधिकारियों
का कहना है कि बचाव दल का पहला उद्देश्य फँसे हुए पर्वतारोहियों को बाहर निकालना है।
19
हज़ार फ़ुट की ऊंचाई पर हेलिकॉप्टर की मदद से तलाश अभियान जारी है.
मंगलवार को
यह घटना अन्नपूर्णा सर्किट पर हुई। दुनिया भर में ट्रेकिंग करने वालों के लिए यह एक जानी
मानी जगह है।
दक्ष और अनुभवी पर्वतारोहियों के अलावा कम अनुभवी लोग भी यहां अकसर
आते हैं। फँसे लोगों में कुछ ऐसे भी हैं जो ऐसी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी
तरह तैयार नहीं थे।
सिमोन लोवे एक अनुभवी पर्वतारोही हैं जिन्होंने नेपाल के पर्वतों
पर कई बार चढ़ाई की है. उन्होंने बताया, "आप साल के इस समय मौसम का अंदाज़ा नहीं लगा
सकते।"
कुछ पर्वतारोहियों ने आरोप लगाया है कि उनके गाइड मुसीबत के वक़्त उनका
साथ छोड़ गए हैं।
नेपाल में ट्रेकिंग और पर्वतारोहण के लिए हर साल लाखों लोग आते
हैं और इससे भारी कमाई होती है।