लाहौर, सोमवार 20 अक्तूबर, 2014 (एशियान्यूज़) ईशनिन्दा कानून के तहत् सन् 2010 से पाकिस्तान
के एक जेल में बंद असिया बीबी के मौत की सज़ा को लाहौर की एक अदालत ने कायम रखा है। इस्लमाबाद
तथा रावलपिंडी के धर्माध्यक्ष रूफि अन्तोनी ने अदालत के फैसले को ' निराशापूर्ण ' कहा
और विश्व से अपील की है कि वे आसिया बीबी के लिये प्रार्थना करें। विदित हो कि 50
वर्षीया पाँच बच्चों की माँ आसिया बीबी लाहौर उच्च न्यायालय में अपील दायर किया था पर
हाई कोर्ट ने अपने निर्णय को सही ठहराया है। आसिया बीबी के वकील सरदार मुश्ताक के
अऩुसार कोर्ट ने असिया बीबी को नबी मुहम्मद का अपमान करने का दोषी पाया है। उन्होंने
कहा कि अब वे सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। उधर भारत के पुणे के धर्माध्यक्ष थोमस
डाबरे ने कहा कि असिया बीबी को मौत की सज़ा सुनाया जाना मानव की मर्यादा और अधिकारों
का अपमान है। धर्माध्यक्ष डाबरे आशा व्यक्त की है कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान
की सरकार पर दबाव डालेंगे और ताकि असिया बीबी को मौत की सज़ा से मुक्त किया जा सके और
ईशनिन्दा कानून को भी समाप्त किया जाये। यह भी विदित हो कि आसिया बीबी को मौत की सज़ा
का विराध करनेवाले पाकिस्तानी मंत्री शाहबाज़ भट्टी और पूर्वी पंजाब के गवर्नर सल्मान
तासीर की हत्या किये जाने का विश्वस्तर पर आलोचना हुई थी।