वाटिकन सिटी, शुक्रवार 17 अक्तूबर, 2014 (सीएनए) वाटिकन सिटी में परिवार विषय पर जारी
सिनॉद ने परिवार संबंधी विषयों पर विशेष करके पारिवारिक जीवन की चुनौतियों के बारे जानकारी
प्रदान की पर इससे जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे सबों के लिये एक जैसे नहीं हैं।
उक्त
विचार लेबनान के विवाह संबंधी कार्यालय में संयोजक रूप में कार्यरत दम्पति सेलिम और रीता
एल खौरी ने संयुक्त रूप से किया।
उन्होंने कहा कि पारिवारिक चुनौतियों अनेक हैं
पर इसे सार्वभौमिक कलीसिया के लिये समान रूप से लागू नहीं किया जा सकता।
सेलिम
ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि अफ्रीका में बहुविवाह की समस्या है जिसे एशियाई देशों के
काथलिकों के लिये विचार नहीं किया जा सकता है। ठीक उसी प्रकार तलाक और पुनर्विवाह जिस
तरह से यूरोप और उत्तरी अमेरिका क समस्या है वैसी लेबनान में नहीं है।
उन्होंने
कहा कि लेबनान में पारिवारिक जीवन मजबूत बना रहता है यद्यपि कि यह एक संयुक्त परिवार
है। लेकिन मन्द आर्थिक विकास के कारण कई लोगों को अपना देशा पलायन करना पड़ता है और इससे
पारिवारि जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
लेबनान की स्थिति पर प्रकाश डालते
हुए एल कौरी ने कहा कि विवाह संबंधी उनका कार्यालय समस्याओं के कार्यलय पहुँचने से पहले
ही समस्याओं के समाधान का प्रयास करता है ताकि तलाक या विवाह विच्छेद की नौबत ही नहीं
आती है।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि हाल के दिनों में इस्लामिक स्टेक की जो
लहर है उससे भी ख्रीस्तीय जीवन पर गहरा प्रतिकूल असर पड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि
अन्य जो भी निर्णय लें जो भी हो पर मारोनाइट कलीसिया के ईसाई अपनी जन्मभूमि कदापि नहीं
छोड़ेंगे। लेबनान दम्पति ने यह भी बताया कि संत पापा चाहते हैं कि मध्यपूर्वी राष्ट्रों
के वाटिकन राजदूतों से विचार-विमर्श कर और एक रिपोर्ट तैयार हो ताकि उसे संयुक्त राष्ट्र
संघ में प्रस्तुत किया जा सके। उनकी आशा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ शीघ्र कारवाई
करेगी औऱ शरणार्थी अपने घरों को वापस जा सकेगे।