2014-10-14 11:32:53

न्यू यॉर्कः मध्यपूर्व के अल्पसंख्यकों को चाहिये सुरक्षा, वाटिकन अधिकारी


न्यू यॉर्क, मंगलवार 14 अक्टूबर सन् 2014 (सेदोक): विश्व में पनपते आतंकवाद की नई, चिन्ताजनक एवं बर्बर अभिव्यक्तियाँ कमज़ोर की सुरक्षा हेतु हमारी ज़िम्मेदारियों का स्मरण दिलाती हैं।

न्यू यॉर्क में सोमवार को संयुक्त राष्ट्र संघीय महासभा के 69 वें सत्र में वाटिकन के अधिकारी तथा संयुक्त राष्ट्र संघ में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष बेरनारदीतो आऊज़ा ने यह बात कही।

महाधर्माध्यक्ष आऊज़ा ने इस बात पर बल दिया कि संयुक्त राष्ट्र संघ के चार महान लक्ष्यों अर्थात् अन्तरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा, मानवाधिकार एवं विकास के लिये कानून के शासन के प्रति समर्पण ज़रूरी है। हालांकि, उन्होंने इस तथ्य पर भी बल दिया कि किसी भी कानून के पहले प्रत्येक व्यक्ति की प्रतिष्ठा, गरिमा एवं उसके मानवाधिकार का ध्यान रखा जाये। अस्तु, कानून के अनिवार्य लक्ष्य की प्राप्ति मानव व्यक्ति की गरिमा की गारंटी देना तथा जनकल्याण को बढ़ावा देना होना चाहिये।

मध्यपूर्व के धार्मिक एवं जातीय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के सन्दर्भ में वाटिकन पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष आऊज़ा ने कहा, "सुरक्षा की ज़िम्मेदारी लेना, प्रत्येक स्त्री एवं प्रत्येक पुरुष की मर्यादा पर आधारित, कानून के समक्ष सबके लिये समान अधिकार की गारंटी को मान्यता देना है।"

विश्व में पनपते आतंकवाद के क्रूर प्रकार पर चिन्ता व्यक्त करते हुए महाधर्माध्यक्ष ने आशा व्यक्त की कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय हिंसा के नये प्रकारों का गूढ़ अध्ययन करेगा तथा नागरिकों की सुरक्षा के लिये नये अन्तरराष्ट्रीय मानदण्ड तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अन्यायपूर्ण आक्रमण से नागरिकों की रक्षा करना हमारा दायित्व होना चाहिये।








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