हॉन्गकॉन्ग, सोमवार 13 अक्तूबर, 2014 (बीबीसी) हॉन्गकॉन्ग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी
सीवाई लिउंग ने जोर देकर कहा है कि 2017 में प्रस्तावित चुनावों के तौर तरीकों पर चीन
का रवैया नहीं बदलेगा। टीवी पर दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि हफ्तों से चल
रहे विरोध प्रदर्शन अब 'नियंत्रण से बाहर' हो गए हैं। उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर
रोक लगाने के लिए ताकत के इस्तेमाल से भी इनकार नहीं किया। सड़कों पर हज़ारों की संख्या
में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के उतर आने से हॉन्गकॉन्ग के कई हिस्सों में जन
जीवन ठप हो गया है। इस बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की तरफ से की गई नाकाबंदी को
हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है. हालांकि इसके बावजूद प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं। चीन
ने 2017 में चुनाव कराने पर सहमति दे दी है लेकिन वह खड़े होने वाले उम्मीदवारों पर अपना
नियंत्रण रखना चाहता है। प्रदर्शनकारियों को इस पर एतराज है। उनकी मांग पूर्ण लोकतंत्र
को लेकर है। पिछले तीन हफ्तों के दौरान प्रदर्शनकारियों की संख्या घटी है लेकिन अभी
भी सैंकड़ों लोकतंत्र समर्थक सड़कों पर कैम्प कर रहे हैं। लिउंग ने साफ तौर पर कहा
कि चुनाव के प्रारूप पर चीन अपना मन नहीं बदलेगा। प्रदर्शनकारियों को उम्मीदवारों
पर चीन के रवैये पर एतराज है. उन्होंने कहा, "2017 के चुनाव में सभी लोगों के भाग
लेने के लिए अगर ये शर्त रखी गई है कि नैशनल पीपल्स कांग्रेस के फैसलों और 'बेसिक लॉ'
को ताक पर रखा जाए तो मैं मानता हूं कि हम सबको पता कि इसकी संभावना शून्य है।" 'बेसिक
लॉ' को हॉन्गकॉन्ग के मिनी संविधान के तौर पर देखा जाता है और 1997 में इस ब्रितानी उपनिवेश
को चीन को सौंपते वक्त यह अस्तित्व में आया था.