2014-10-13 15:24:06

बिना भेदभाव के साहसपूर्वक ईशप्रेम को बाँटते हैं - मिशनरी


वाटिकन सिटी, सोमवार 13 अक्तूबर, 2014 (सीएनए) संत पापा फ्राँसिस ने रविवार 12 अक्तूबर को वाटिकन सिटी के संत पेत्रुस महागिरजाघर में कनाडा के दो नये संतों के लिये धन्यवादी यूखरिस्तीय बलिदान अर्पित करते हुए कहा कि सच्चा मिशनरी वही है जो पूरे साहस से बिना भेदभाव के ईशप्रेम के संदेश को दुनिया के सब लोगों को बाँटता है।
उन्होंने कहा कि मिशनरी वही है जो पवित्र आत्मा की आवाज़ सुनता, सुसमाचार के अनुसार जीने का साहस दिखाता और दुनिया के लोगों को ईश्वर के पास ले आता है।
रविवार 12 अक्तूबर को संत पेत्रुस महागिरजाघर में आयोजित मिस्सा में कनाडा के दो नये संतों लावेल के फ्राँसियोस और मरी ऑफ़ द इनकारनेशन के लिये ईश्वर को धन्यवाद अर्पित किया गया। दोनों ने कनाडा के फ्रेंच भाषी क्षेत्र में 1600 ईस्वी में अपना मिशनरी कार्य किया।
फ्राँसियोस लावेल शहर के प्रथम धर्माध्यक्ष थे जब कि संत मरी ऑफ़ इनकारनेशन उर्सुलाइन धर्मबहन थी जिन्होंने स्थानीय भाषा में धर्मशिक्षा का संकलन किया और फ्रेंच और आदिवासियों के बीच एकता लाने में अपना योगदान दिया।
इसायस नबी के पाठ पर अपने चिन्तन प्रस्तुत करते हुए संत पापा ने कहा कि " ईश्वर हमारी आँखों से सब आँसू पोंछ डालता है।" संतगण ईश्वर की इसी वाणी को लेकर हमारी अगवाई करते हैं।
मिशनरी ईश्वर के वचन को लेकर सबों के पास जाते हैं और सबों को प्रभु भोज के लिये बुलाते हैं। आज ज़रूरत है कलीसिया के दरवाज़े को सब के लिये खोल देने की तब ही कलीसिया ' बीमार ' नहीं होगी। मिशनरियों ने ऐसा ही करके कलीसिया की सेवा की है।
मिशनरियों की दूसरी विशेषता है कि वे अपनी आँखें सदा येसु पर गड़ाये रखते हैं और उनसे जो कृपायें प्राप्त होती हैं उन्हें सबों के साथ बाँटते हैं।
इस संबंध में संत पौल फिलिप्पियों को लिखे अपने पत्र में कहते हैं कि वे सबों के लिये सबकुछ बन गये।
संत पापा ने कहा नये मिशनरी संतों को सम्मान देते हुए हम अपने आप को मजबूत करें और अपने दिल को तैयार करें ताकि हम भी विश्वास की चुनौतियों सामना नम्रता और दया से पूर्ण होकर कर सकें।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि संतों द्वारा बोया गया बीज फल लायेगा और कई लोग साहस और नम्रतापूर्वक अपने दिल को खुला करेंगे और सुसमाचार के प्रचार के लिये कार्य करेंगे।












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