वाटिकन सिटी, सोमवार 13 अक्तूबर 2014 (एशियान्यूज़) संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 13 अक्तूबर
को वाटिकन सिटी के सान्ता मार्ता अतिथि निवास के प्रार्थनालय में यूखरिस्तीय बलिदान
अर्पित करते हुए खुला रहने पर अपने चिन्तन प्रस्तुत किया।
संत पापा ने कहा कि
ईश्वर चमत्कारों के प्रति खुले रहने, समय की पहचान करने और ईश्वर की ओर बढ़ने से हम ख्रीस्तीय
जीवन की प्रौढ़ता को प्राप्त करते हैं। ख्रीस्तीय जीवन एक यात्रा है जो हमें येसु
मसीह से मिलवाता हैं।
संत पापा ने कहा कि ख्रीस्तीय जीवन एक ऐसी यात्रा है जहाँ
हम कई बातों को सीखते हैं। इसके लिये ज़रूरी है कि हम अपने मन-दिल को खुला रखें, अपने
विचारों में बंद न हो जायें पर सदा येसु के साथ चलें ताकि हम उनसे नयी बातें सीख सकते
हैं।
संत पापा ने कहा कि कोई भी मार्ग अपने आप में पूर्ण नहीं हैं पर यह एक रास्ता
है जो हमें ईश्वर की ओर लेता है। यह हमें पूर्णता की ओर लेता है और तब पूरा होगा जब येसु
महिमा के साथ फिर आयेंगे।
उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे उदार बनें, खुले
रहें तब ही हम उसकी महिमा को देख पायेंगे। तब हम समझ पायेंगे कि उसे कानून के द्वार जानना
अपने आप में पूर्ण नहीं है।