2014-10-11 16:18:07

मूल्यों एवं सिद्धांतों पर संस्कृति तथा अस्मिता के लिए संघर्ष


वाटिकन सिटी, शनिवार, 11 अकटूबर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ विश्व असाधारण धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के प्रथम सप्ताह की समाप्ति पर तथा महासभा के दूसरे चरण में, प्रतिभागी विविध भाषाओं एवं समुदायों में विभक्त होकर विचार-विमर्श करेंगे।

महासभा में विगत दिनों के करीब सभी सत्रों में संत पापा उपस्थित रहे तथा विविध परिवारों के व्यापक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।
वाटिकन प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदरिको लोम्बारदी ने शुक्रवार 10 अक्तूबर को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उन्हें सिनॉड में भाग लेने हेतु शुक्रवार को पहली बार अवसर मिला।

उन्होंने बतलाया कि सिनॉड में परिवार के विभिन्न मुद्दों जैसे टूटे परिवार के बच्चों की सहायता, विधवाओं एवं एकागी लोगों तक पहुँच एवं अपने जीवन में मेल-मिलाप तथा चंगाई की चाह रखने वाले दम्पतियों की मदद करना आदि पर प्रश्न किये गये।

उन्होंने कहा कि बहस में लोगों के यथार्थ अनुभवों को प्रस्तुत किया गया जिनमें लेबनान के जोकेलने खौएरी द्वारा भी रिर्पोट प्रस्तुत किया गया।
जोकेलने खौएरी ने अपने रिर्पोट में कहा, ″हम अपने राष्ट्र एवं स्वतंत्रता की रक्षा हेतु पहले भी संघर्ष किया है किन्तु अब हमें मूल्यों एवं सिद्धांतों पर अपनी संस्कृति तथा अस्मिता की स्थापना के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।″

उन्होंने कहा कि समाज निर्माण में ये मूल्य एवं सिद्धान्त, परिवार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं किन्तु कलीसिया उन टूटे विवाहित रिश्तों के बीच कैसे पहुँच सकती है? किस प्रकार टूटे परिवार के बच्चों की मदद कर सकती है एवं नये माता-पिता के साथ रहने में उन्हें किस प्रकार मदद दे सकती है?

फादर लोम्बारदी ने बतलाया कि सिनॉड में एक अन्य प्रमुख विषय पर भी चर्चा की गयी और वह है, परिवार-नियोजन तथा परिवार नियोजन हेतु कलीसिया की शिक्षा के विपरीत कृत्रिम उपायों को अपनाये जाने के संबंध में।

उन्होंने अगले सत्र के बारे जानकारी देते हुए कहा कि सोमवार से आरम्भ होने वाले सत्रों में प्रतिभागी 10 छोटे दलों में विभक्त होकर, दूसरे सप्ताह के अन्त में एक साथ मिलकर अपने अनुबंध प्रस्तुत करेंगे।

उन्होंने कहा कि उदारता, वार्ता एवं विचार विमर्श तथा संत पापा फ्राँसिस के सुनने की सलाह ने सिनॉड में नयापन लाया है।








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