मनीला, शनिवार, 11 अक्तूबर 2014 (एशियान्यूज़)꞉ ″कलीसिया को ग़रीबों एवं उपेक्षितों की
बगल में खड़े होने हेतु सदा चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए विशेषकर,
जब किसानों, आदिवासियों, मछवारों, श्रमिकों एवं प्राकृतिक आपदा के शिकार लोगों के प्रति
मानव अधिकार का हनन हो तथा उनके लिए न्याय की उपेक्षा होती हो।″ यह बात फिलीपींस स्थित
कारीतास के निर्देशक फादर एडविन गरीगेज़ ने एशियान्यूज़ से कही।
6 अक्तूबर को
बुतुवन शहर के संत जोसेफ महागिरजाघर में समारोही ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए फिलीपींस
के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष ने ‘ग़रीबों का वर्ष’ घोषणा किया। ग़रीबों
का वर्ष 23 नवम्बर से आरम्भ होगा।
‘ग़रीबों का वर्ष’ घोषित करने का मुख्य उद्देश्य
है उदारता परियोजना के तहत फिलीपींस के ग़रीबों के लिए 40 सप्ताह में 40 लाख पेसो का
फंड एकत्र करना। इस योजना द्वारा कलीसिया आत्म- निर्भरता की संस्कृति को बढ़ावा देना
तथा सरकार पर से निर्भरता कम करना चाहती है।
फादर गरीग्वेज़ ने कहा, ए. के. कार्यक्रम
की स्थापना सन् 1974 ई. में हुई थी जो संत पापा फ्राँसिस की सलाह का अनुसरण करती है जिसमें
उन्होंने समाज में हाशिए पर जीवन यापन करने वाले लोगों के प्रति मदद हेतु कलीसिया को
‘गरीबों की कलीसिया’ कहा था।
संत पापा फ्राँसिस 15 से 19 जनवरी 2015 को फिलीपींस
की प्रेरितिक यात्रा करेंगे। इस अवसर पर वे गत वर्ष आये समुद्री तुफान द्वारा नष्ट किये
गये क्षेत्रों का दौरा भी करेंगे।
मनीला के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल तागले ने
संत पापा की प्रेरितिक यात्रा को कृपा का महान अवसर मानते हुए कहा, ″कि निश्चय ही, यह
प्रेरितिक यात्रा फिलीपींस के लोगों के जीवन में परिवर्तन लायेगा तथा ईश्वर की कृपा को
अनुभव करने का महान अवसर होगा।″