वाटिकन सिटी, शुक्रवार 19 अक्तूबर, 2014 (सीएनए) वाटिकन में परिवार विषय पर आयोजित सिनॉद
में विवाह रद्द या विलोपन पर आये तीन प्रस्तावों पर अपने विच्र करते हुए गतिनव के महाधर्माध्यक्ष
पौल अन्द्रेय दुरोचर ने कहा कि न्याय को एक तरफ और दया को दूसरी ओर करना विवाह विलोपन
के मुद्दे के साथ उचित नहीं है।
विदित हो कि सिनॉद में परिवार संबंधी अन्य मुद्दों
के अलावा इस बात विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि विवाह विलोपन की प्रक्रिया में सुधार
लाया जाये ताकि प्रक्रिया लम्बी न हो साथ ही विवाह की अविच्छेदता या स्थायित्व के सिद्धांत
की भी रक्षा हो।
वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक फादर फेदेरिको लोमबारदी ने कहा
कि विवाह विलोपन के संबंध में स्पष्ट रूप से दो तरह के विचार सामने आये हैं। कुछ लोगों
का कहना है कि यदि हम ईशवचन और सिद्धांतों के अनुसार चलना चाहते हैं तो यदि व्यक्ति एक
बार वैध रूप से विवाह करने के बाद फिर से कोई दूसरे विवाह बन्धन में बँधता है तो उसे
संस्कारों से वंचित करना उचित है।
वहीं दूसरी ओर कुछ अन्यों का कहना है कि विवाह
के स्थायित्व के सिद्धांतों को रखते हुए भी कलीसिया को चाहिये कि वह परिस्थितियों के
आधार पर संबंधित मुद्दे में व्यक्ति को दया दिखाये।
इस मुद्दे में फादर लोमबारदी
का कहना है कि दोनों समाधानों को एक-दूसरे का विरोधी नहीं माना जाना चाहिये।