ईश्वर हमें सबसे बड़ा वरदान पवित्र आत्मा प्रदान करते हैं
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 9 अकटूबर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ ″जब हम प्रार्थना करते हैं तो
नाना प्रकार की चीजों की मांग करते हैं किन्तु ईश्वर हमें जो सबसे बड़ा वरदान प्रदान
करते हैं वह है पवित्र आत्मा का वरदान।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने पावन ख्रीस्तयाग
के दौरान प्रवचन में कही।
उन्होंने 9 अक्तूबर को वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास
संत मार्था के प्रार्थनालय में, पावन ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में, संत लूकस
रचित सुसमाचार पाठ पर चिंतन किया जहाँ येसु ने पिता की करूणा को समझाने के लिए अपने शिष्यों
को, एक दृष्टांत सुनाया था।
संत पापा ने कहा, ″ईश्वर करूणा के भंडार हैं इसलिए
जब हम उनसे क्षमा याचना करते हैं तब हम उन चीजों को भी प्राप्त कर लेते हैं जिन्हें हम
प्रार्थना में मांगने का साहस नहीं करते।″
उन्होंने कहा, ″निश्चय ही, ईश्वर
की करूणा को हम क्षमा द्वारा प्राप्त करते हैं किन्तु प्रार्थना में जिन चीजों की आशा
नहीं करते वह भी हमें प्राप्त हो जाती है क्योंकि वे हमें देते हैं और बहुतायात में प्रदान
करते हैं। संत पापा ने सुसमाचार पाठ में तीन मुख्य बिन्दुओं पर प्रकाश डाला- मित्रता,
पिता तथा उपहार।
उन्होंने कहा, ″येसु शिष्यों को दिखाना चाहते थे कि प्रार्थना
क्या है इसके लिए उन्होंने एक दृष्टांत सुनाया। उन्होंने कहा कि जीवन में अनेक सच्चे
मित्र मिलते हैं- मित्रता के नाम पर कई अपना सब कुछ देने के लिए तैयार रहते, तो कोई अच्छे
मित्र बन कर रहते हैं। हम यदि मांगने एवं हस्तक्षेप करने वाले व्यक्ति हैं तो हमारी मित्रता
का अर्थ, सिर्फ पाना है जिस चीज की हम मांग करते हैं।
येसु पिता के बारे में
बतलाते हुए कहते हैं कि क्या कोई भी पिता अपने पुत्र को मछली के बदले सांप दे सकता है
अथवा अंडा के बदले बिच्छु? यदि सांसारिक पिता अपने पुत्रों को अच्छी चीजें दे सकता है
स्वर्गीय पिता क्यों अच्छी चीजें नहीं देंगे?
संत पापा ने कहा, ″न केवल जीवन
यात्रा में साथ देने वाले मित्र हमारी सहायता करते और हमारी मांग पूरी करते किन्तु स्वर्गिक
पिता भी हमारी मदद करते हैं क्योंकि वे हमें बहुत प्यार करते हैं। इस दृष्टांत द्वारा
येसु प्रार्थना में हमारा विश्वास बढ़ाना चाहते हैं।
संत पापा ने कहा कि ईश्वर
हमारे मांगे गये उपहार को अच्छी तरह पैक करना कभी नहीं छोड़ते बल्कि उसके साथ, अपनी ओर
से नयी चीजें जरूर जोड़ते हैं। पिता ईश्वर हमें पवित्र आत्मा प्रदान करते हैं।
जीवन
में येसु हमारे मित्र हैं वे हमें वह सब प्रदान करते जो हम उनसे मांगते हैं, पिता हमारी
देखभाल करते तथा हमें प्यार करते हैं पवित्र आत्मा हमारे लिए पिता का उपहार है। उनकी
ओर से हमारे लिए एक मुफ्त वरदान जिसको मांगने का साहस हम नहीं करते हैं।