2014-10-03 15:44:18

तृतीय विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा का उद्घाटन


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 3 अक्तूबर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ रविवार 5 अक्तूबर को "सुसमाचार उदघोषणा के सन्दर्भ में परिवार की प्रेरितिक चुनौतियाँ" विषय पर आधारित तृतीय विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा का उद्घाटन, संत पापा फ्राँसिस समारोही पावन ख्रीस्तयाग द्वारा करेंगे।

कार्डिनल लोरेन्सो बालदीसेरी ने 3 अक्तूबर को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि अगले रविवार को समारोही ख्रीस्तयाग द्वारा विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा का उद्घाटन संत पापा के कर कमलों से किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ″परमधर्मपीठ में अपनी प्रेरिताई के आरम्भ से ही संत पापा फ्राँसिस ने मुख्य रूप से तीन क्रियाओं को करना सिखलाया है। ″चलना, निर्माण करना तथा स्वीकार करना।″

कार्डिनल ने कहा कि सिनड का उद्देश्य धर्माध्यक्षों को उनकी प्रेरिताई में मदद पहुँचाना है क्योंकि कलीसिया विश्व की राहों पर अधिक उदार और मिशनरी है। उन्होंने सिनड का अर्थ स्पष्ट करते हुए कहा कि इसकी व्युत्पति ग्रीक भाषा के ‘सिनोदेस’ से हुई है जिसका अर्थ है ‘वॉकिंग टूगेदर’ अर्थात ‘एक साथ चलना’।

विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा एक असाधारण महासभा है जो समस्त कलीसिया की भलाई हेतु समय के अनुसार खास मुद्दों पर विचार-विमर्श करती है।

उन्होंने बतलाया कि सिनड के अंतिम दिन संत पापा पौल षष्टम की धन्य घोषणा होगी। सिनड के संदर्भ में धन्य घोषणा समारोह एकरूपता का एक महत्वपूर्ण चिन्ह है क्योंकि इस महान संत पापा ने 20 वीं सदी में न केवल द्वितीय वाटिकन महासभा के अंतर धार्मिक सम्मेलन की अगुवाई की किन्तु उन्होंने धर्माध्यक्षों की महासभा का गठन भी किया। जिसकी स्वर्ण जयन्ती अगले वर्ष 2015 को मनायी जाएगी।

सिनड की विषय वस्तुओं में मुख्य रूप से समाज, परिवार तथा व्यक्तिगत जीवन पर विचार केंद्रित किया जाएगा जिसमें परिवार पर धर्माध्यक्षों की प्रेरिताई महत्वूर्ण होगी।








All the contents on this site are copyrighted ©.