2014-10-02 11:43:35

लम्पेदूसा हादसा से बचे लोगों का प्रतिनिधिमंडल संत पापा से मिला


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार 2 अक्तूबर, 2014. संत पापा फ्राँसिस ने पिछले वर्ष हुए लम्पादूसा में हुए पानी जहाज हादसे की एक वर्ष पूरे होने की पूर्व संध्या पर यूरोप के ल्गों से कहा कि वे अपना दिल खुळा रखें और प्रवासियों का का स्वीकार करें जो गरीबी और युद्ध के भय से अपने जीवन का जोखिम उठाकर यूरोप पलायन करते हैं।

लम्पेदूसा हादसे से बचे सीरिया और एरितीरिया के करीब 370 में कुछ लोगों ने बुधवार 1 अक्तूबर को संत पापा से मुलाकात की और अपनी स्थिति के बारे में जानकारी दी।

समाचार के अनुसार पिछले 3 अक्तूबर 2013 को प्रवासियों को लेकर आ रही एक नाव के डूब जाने से कई लोगों की मृत्यु हो गयी थी। हादसे से बचे करीब 50 लोगों ने निर्णय किया है कि वे बृहस्पतिवार को लम्पेदूसा जाकर माँग करेंगे कि एक अन्तरराष्ट्रीय दिवस की घोषणा हो जिसमें उनकी याद की जाये जो प्रत्येक वर्ष यूरोप की यात्रा करते हुए दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं।

संत पापा ने नाव दुर्घटना से बचे जीवितों से मुलाक़ात की और कहा कि उनके पास शब्द नहीं है जिनसे वे अपनी सहानुभूति को व्यक्त कर सकें।

उन्होंने कहा कि वे अपनी आँसूओं और प्रार्थनाओं के साथ उनके दुःख में शामिल होते हैं और उन्हें अपनी आध्यात्मिक सामीप्य का वचन देते हैं।

हादसे के बारे में जानकारी देनेवाली प्रतिनिधिमंडल के दो प्रवासियों ने संत पापा को उनके प्रयासों के लिये धन्यवाद दिया और उन्होंने संत पापा से आग्रह किया कि उन्हें अपना साथ देते रहें तथा उन लोगों की पहचान करने में उनकी मदद दें जिनकी मृत्यु हादसे में हो गयी है।

प्रतिनिधिमंडल ने संत पापा फ्राँसिस को समुद्र में भटकती हुए बोतल की एक मूर्ति दी।
क्रार्यक्रम का आयोजन अक्तूबर 3 समिति के अध्यक्ष तारेके ब्रहने ने किया गया। उनके साथ अस्ताली केन्द्र के पूर्व अध्यक्ष जियोवानी लम्माना और महाधर्माध्यक्ष कोनराड कराजेवेस्की भी शामिल थे।









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