सुसमाचार प्रचार में योगदान हेतु तीन प्रमुख बातें आवश्यक
वाटिकन सिटी, शनिवार, 27 सितम्बर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 26
सितम्बर को क्लेमेंटीन सभागार में अंतरराष्ट्रीय ‘फोकोलारी मूवमेंट’ की, महासभा के प्रतिनिधियों
से मुलाकात की। रोम स्थित कास्तेल गन्दोल्फो में अंतरराष्ट्रीय ‘फोकोलारी मूवमेंट’
की महासभा 1 से 28 सितम्बर तक चल रही है। संत पापा ने उन्हें सम्बोधित करते हुए कहा
कि ‘फोकोलारी मूवमेंट’ को ‘माता मरिया का कार्य’, नाम से भी जाना जाता है। संत पापा ने
कहा कि एकता पवित्र आत्मा का विशेष वरदान है जिसका कियारा लुबिक ने विश्व के कई हिस्सों
में असाधारण साक्ष्य प्रस्तुत किया है।
संत पापा ने प्रतिनिधियों का ध्यान तीन
प्रमुख बातों की ओर आकृष्ट किया जिनसे उन्हें आज के चुनौतीपूर्ण युग में सुसमाचार प्रचार
हेतु अपना योगदान देने के प्रयास को मदद मिल सकेः पहला, प्रभावपूर्ण कार्य के लिए ध्यान
प्रार्थना अपरिहार्य शर्त है। दूसरा, वार्ता द्वारा अपने से बाहर आना अर्थात अपने विचारों
को अन्यों के बीच साझा करना, उसी प्रकार जिस प्रकार येसु ने अपना जीवन क्रूस पर अर्पित
किया। तीसरे बिन्दु पर संत पापा ने युवाओं के प्रशिक्षण के महत्व पर जोर दिया जिससे कि
वे भी संसार में ज़रूरतमंदों की सहायता कर सकें, उनके साथ सहानुभूति रखें तथा उन्हें
आशा प्रदान कर सकें।
विदित हो कि काथलिक कलीसिया में फोकोलारी मूवमेंट सुसमाचार
प्रचार के मार्ग में नवीनीकरण के लिए एक आध्यात्मिक संगठन है। यह संगठन ईश्वर के प्रेम
का साक्ष्य देने का प्रयास करता है विशेषकर, गरीब एवं हाशिये के लोगों के बीच। ‘फोकोलारी
मूवमेंट’ की अध्यक्षा हैं मरिया वॉचे, वे दूसरी बार अध्यक्षा नियुक्त की गयी हैं।