2014-09-21 11:41:49

तिरानाः आशा कभी निराश नहीं करतीः अलबानिया को सन्त पापा का सन्देश


तिराना, रविवार, 21 सितम्बर सन् 2014 (सेदोक): बालकन प्रदेशीय राष्ट्र अलबानिया में सन्त पापा फ्राँसिस की एक दिवसीय प्रेरितिक यात्रा का आदर्श वाक्य हैः "ईश्वर के संग-संगः उस आशा की ओर जो कभी निराश नहीं करती।

रविवार, 21 सितम्बर को सन्त पापा फ्राँसिस ने अलबानिया की प्रेरितिक यात्रा कर लोगों में आशा का संचार किया। बीस वर्ष पूर्व ही साम्यवादी शासनकाल की बर्बर और काली रात से निकलकर अलबानिया ने स्वतंत्रता का प्रभात देखा था किन्तु कई मायनों में साम्यवाद के पतन के आरम्भिक काल में की गई प्रतिज्ञाओं को निभाया नहीं जा सका है। अलबानिया के लोगों से बात करें तो उनमें एक प्रकार की झुँझलाहट को साफ देखा जा सकता है।

यह बीत पूर्वी यूरोप के अन्य देशों पर भी खरी उतरती है जिन्होंने स्वतंत्रता हासिल करने के उपरान्त पश्चिमी प्रजातंत्रवाद तथा वैयक्तिकवादी उपभोक्तावाद के विकल्प को चुना। इस प्रकार का पूँजीवादी भौतिकवाद एक ओर आर्थिक समृद्धि की प्रतिज्ञाओं को पूरा करने में असमर्थ रहा है तो दूसरी ओर लोगों में व्याप्त आध्यत्मिक तृष्णा को भी नहीं बुझा पाया है।

सन्त पापा फ्राँसिस अलबानिया को आशा का नया सन्देश दे रहे हैं। सन् 2008 में सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा अलबानिया के धर्माध्यक्षों से कहे शब्दों की गूँज सन्त पापा फ्राँसिस के सन्देश में भी मिली है। धर्माध्यक्षों से बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा थाः "प्रेरितों के उत्तराधिकारी होने के नाते धर्माध्यक्षों का आह्वान किया जाता है कि वे एक विशिष्ट लाभकर एवं रचनात्मक धरोहर के साक्षी बनें और वह है येसु ख्रीस्त द्वारा विश्व में लाये गये मुक्ति के सन्देश के। इस सन्दर्भ में, अलबानियाई लोगों को उनके पूर्वजों की परम्पराओं सहित समझने में असमर्थ साम्यवादी तानाशाही की अन्धेरी रात के बाद, ईश्वर की कृपा से कलीसिया को पुनः नवीकृत होने का सुअवसर मिला।"

अलबानिया में विश्वास के पुनर्जागरण के समक्ष अभी भी बहुत सी चुनौतियाँ हैं। एक ओर लोगों में विश्वास के प्रति गहन क्षुधा बनी हुई है तो दूसरी ओर दीर्घकालीन उत्पीड़न ने उनमें नवीन सुसमाचार उदघोषणा हेतु तृष्णा को जगाया है। सहयोग एवं समन्वय की भावना में सभी शुभचिन्तक स्त्री पुरुष एक साथ मिलकर सन्त पापा फ्राँसिस के सन्देश से यथार्थ आशा की प्रेरणा पा सकते हैं, ऐसी आशा जो कभी निराश नहीं करती।








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