2014-09-21 15:34:38

ख्रीस्त से मुलाकात द्वारा मानव जीवन का अर्थ प्रकट करें


वाटिकन सिटी, रविवार, 21 सितम्बर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने रविवार 21 सितम्बर को अल्बानिया के मदर तेरेसा प्राँगण में, वहाँ के लाखों श्रद्धालुओं के साथ पावन ख्रीस्तयाग अर्पित किया।

उन्होंने प्रवचन में संत लूकस रचित सुसमाचार पाठ पर चिंतन किया जहाँ येसु ने 12 प्रेरितों की तरह 72 शिष्यों का चुनाव कर उन्हें विभिन्न गाँवों में सुसमाचार प्रचार हेतु भेजा था।
संत पापा ने कहा कि येसु इस संसार में ईश्वर का प्यार लेकर आये थे तथा वे उसे सभी लोगों में बाटना चाहते हैं। इस योजना को साकार करने हेतु उन्होंने शिष्यों के एक समुदाय का निर्माण किया तथा उन्हें सुसमाचार प्रचार हेतु प्रशिक्षित किया और विभिन्न गाँवों में भेजा। ख्रीस्त के मिशन में जिस प्रकार शिष्यों ने लोगों को, शांति का अभिवादन दिया उसी प्रकार आज मैं भी आप सभी को शांति का अभिदान देता हूँ।

72 शिष्यों के मिशन के फलस्वरूप ख्रीस्तीय समुदाय को हम, सभी युगों में एक मिशनरी रूप में ही पाते हैं। पुनर्जीवित एवं जीवन्त ख्रीस्त ने न केवल बारहों को भेजा किन्तु समस्त कलीसिया को भेजते हैं जिससे कि हम लोगों के बीच जाकर बपतिस्मा प्रदान करें तथा सुसमाचार का प्रचार करें। येसु का शांति संदेश जिसे उनके शिष्यों ने सदियों से आगे बढ़ाया है, किन्तु कई बार उसे लोगों द्वारा अस्वीकृति का भी सामना करना पड़ा है। उन्होंने अपना द्वार बंद कर दिया। संत पापा ने कहा कि कुछ वर्षों पूर्व इस देश का द्वार भी बंद था। लोगों को ईश्वर तथा धर्म पालन की स्वतंत्रता नहीं थी।

संत पापा ने इतिहास की याद करते हुए कहा कि काथलिक, ऑथोडोक्स और मुसलमानों को धर्म के कारण अत्याचार सहना पड़ा, कितने धर्माध्यक्षों, पुरोहितों तथा लोकधर्मियों को अपने विश्वास के कारण शहीद होना पड़ा अतः अल्बानिया एक शहीद स्थल है।
आज अल्बानिया का द्वार खुल चुका है तथा ईश प्रजा के सभी सदस्यों के लिए मिशन को नया प्राण मिला है।

संत पापा ने कहा कि सभी सदस्यों को चाहिए कि वे सुसमाचार प्रचार हेतु समर्पण के आह्वान को सुने तथा अपना उदार साक्ष्य प्रस्तुत करें। समाज में न्याय बनाये रखने एवं मानव जीवन के स्तर को ऊपर उठाये रखने हेतु सभी के साथ एकजुट होकर कार्य करने का उन्होंने परामर्श दिया।

संत पापा ने कहा, ″आज मैं आप सभी के पास आशा को बढ़ावा देने आया हूँ तथा नयी पीढ़ी को यह निमंत्रण देने कि वे ईश वचन द्वारा अपने को पोषित कर लें एवं ख्रीस्त के लिए अपने हृदय के द्वार खोलें जिसके लिए सुसमाचार हमें रास्ता दिखलाता है। आपका विश्वास हर्षित एवं उज्जवल होना चाहिए। ख्रीस्त के साथ मुलाकात द्वारा आप मानव जीवन के अर्थ एवं महत्व को प्रकट कर सकें।

अल्बानियाई कलीसिया को सुसमाचार के प्रति विश्वस्त बने रहने के लिए संत पापा ने हार्दिक धन्यवाद दिया।








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