2014-09-19 15:58:04

ईराकी ख्रीस्तीय शिक्षा के अधिकार से वंचित


अंकारा, शुक्रवार, 19 सितम्बर 2014 (एशियान्यूज़)꞉ ″इतिहास में यह पहली बार है जब ईराकी ख्रीस्तीय जिन्होंने हमेशा उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त की है उन्हें शिक्षा के अधिकार से वंचित किया गया है जिसके तहत वे स्कूल की शिक्षा प्राप्त नहीं कर पायेंगे। यह अल्पसंख्यकों के अस्तित्व पर एक बहुत बुरा संकेत है।″ यह बात मोसूल के खलदेई महाधर्माध्यक्ष शिमोन ईमिल नोना ने कही।

एशियान्यूज़ के पत्रकारों से बातें करते हुए उन्होंने कहा, ″शरणार्थी परिवार के बच्चे एवं ख्रीस्तीय क्षेत्रों से आने वाले बच्चे अब स्कूल नहीं जा पायेंगे क्योंकि एरबिल, अंकारा एवं ज़ाक्खो के विभिन्न जगहों में करीब 700 स्कूल घर स्थित हैं किन्तु वे विस्थापित लोगों से भरे पड़े हैं।

ग़ैरख्रीस्तीय क्षेत्रों के स्कूल खुल चुके हैं किन्तु उनमें पाठ्यक्रम बदल दिये गये हैं तथा उनके स्थान पर इस्लाम एवं कुरान को बढ़ावा देने हेतु इस्लामी खलीफा पाठ्यक्रम को जोड़ दिया गया है।

मोसूल के प्राइमरी स्कूल के एक गणित एवं अरबी विषय के शिक्षक ने कहा, ″हम वर्ष 2014 में हैं किन्तु ऐसा लगता है कि हम वापस 14 वीं सदी में वापस आ गये हैं। 2450 स्कूलों में से 95 प्रतिशत स्कूल मोसूल एवं नीनवेह में हैं जो इस्लामी स्टेट चरमपंथियों के हाथों में हैं जिन्होंने मिश्रित पढ़ाई बंद कर दी है।








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