वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 18 सितम्बर 2014 (वीआर अंग्रेजी)꞉ ″’मेरे प्रेम में दृढ़ बने
रहो’ सन् 2015 ई. के जनवरी माह में, संत पापा फ्राँसिस द्वारा श्रीलंका की प्रेरितिक
यात्रा की मुख्य विषयवस्तु है।″ यह बात कोलम्बो के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल मालकोम रंजित
ने कही।
उन्होंने फिदेस के साथ साक्षात्कार में कहा कि इस विषयवस्तु को संत योहन
रचित सुसमाचार से लिया गया है क्योंकि वे विश्वास करते हैं कि संत पापा प्रेम की प्रतिमूर्ति
हैं। कार्डिनल ने कहा कि ″संत पापा फ्राँसिस अपने हर वचन एवं हाव-भाव से ईश्वर के
प्रेम में बने रहने का निमंत्रण देते हैं और वे उसी संदेश को हमारे लिए श्रीलंका लेकर
आयेंगे।″
उन्होंने संत पापा की श्रीलंका यात्रा पर खुशी जाहिर करते हुए कहा
कि वे इस अवसर को एक महान सौभाग्य एवं श्रीलंका की कलीसिया के लिए बड़ा प्रोत्साहन मानते
हैं।
संत पापा की प्रेरितिक यात्रा हेतु तैयारी की जानकारी देते हुए कार्डिनल
मालकोम रंजित ने कहा, ″श्रीलंका में हम उस परिस्थिति में जी रहे हैं जब कलीसिया से शांति,
प्रेम और समझौता के संदेशवाहक बनने की आशा की जाती है। अतः समझौता या मेल-मिलाप ही उनकी
यात्रा का केंद्र बिन्दु होगा तथा संत पापा की उपस्थिति मेल-मिलाप के मार्ग में बड़ा
प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
उन्होंने आशा जतायी कि श्रीलंका के सभी नागरिक, ख्रीस्तीय
विश्वासी एवं सभी धर्मसमाजी बड़े मित्र भाव से संत पापा का स्वागत करेंगे।