2014-09-18 16:15:45

ग़लतियाँ स्वीकारने का साहस, येसु के प्यार और क्षमा को खोलने का रास्ता


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 18 सितम्बर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मार्था के प्रार्थनालय में बृहस्पतिवार 18 सितम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने पावन ख्रीस्तयाग अर्पित किया।

उन्होंने प्रवचन में पापियों द्वारा अपने पापों को स्वीकार कर पाने के साहस को, येसु के प्यार और क्षमा को खोलने का रास्ता बलताया।
संत पापा ने प्रवचन में संत लूकस रचित सुसमाचार पाठ पर चिंतन किया जहाँ फरीसी के घर भोज पर निमंत्रित येसु के पाँव पर झुककर एक पापिनी स्त्री का संगमरमर के पात्र में इत्र ले कर, रोती हुई उनके चरण भिगोना तथा अपने केशों से पोंछ कर, उनके चरण चूमने की घटना का जिक्र है।

संत पापा ने कहा कि फ़रीसी अपने को संहिता का ज्ञानी मानता था किन्तु येसु ने दोनों को पापी का दर्जा दिया क्योंकि फरीसी ने येसु के नबी होने पर संदेह किया और महिला के पश्चाताप की भावना को भी नहीं पहचाना।

उन्होंने फरीसी के स्वभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उच्च पद में होने के कारण शायद उसने जीवन की मौलिक भावनाओं को भूला दिया था जिन्हें हर बच्चा जन्म लेते ही माता-पिता से प्राप्त करता है। येसु ने फरीसी को फटकारा किन्तु उनकी विनम्रता और कोमलता तथा सभी को बचाने की चाह ने दोनों के भावों को उजागर करने के लिए उन्हें प्रेरित किया। अतः लोगों के भुनभुनाहट की परवाह किये बिना, येसु उस पापी स्त्री को क्षमा प्रदान कर, शांति से विदा किया।

संत पापा ने कहा कि ‘उद्धार’ शब्द सिर्फ महिला के लिए प्रयोग किया गया क्योंकि उसने अपने पापों के लिए रोया तथा उसे स्वीकार किया था। जबकि फरीसी को अपने गलतियों का एहसास ही न था। वह अपने को भला सोच रहा था।
संत पापा ने कहा कि उनके पापों ने उन्हें येसु से मुलाकात करने का अवसर प्रदान किया।
उन्होंने कहा कि हम अपने पापों को जानें और अपनी दयनीय स्थिति को स्वीकार करें तथा अपनी अयोग्यताओं एवं कमज़ोरियों को पहचाने, ऐसा कर पाने का साहस हमारे लिए येसु के प्यार और क्षमा का द्वार खोल देगा।









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