वाटिकन सिटीः पीड़ितों के प्रति सामीप्य एवं करुणा का सन्त पापा ने किया आह्वान
वाटिकन सिटी, बुधवार, 17 सितम्बर सन् 2014 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि
यदि हम पीड़ितों के समीप न रहे तथा उनकी पीड़ा को हरने का प्रयास न करें तो हमारे सुन्दर
शब्द व्यर्थ हैं।
वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक आवास के प्रार्थनालय में,
मंगलवार को ख्रीस्तयाग के अवसर पर प्रवचन करते हुए सन्त पापा ने यह बात कही।
सुसमाचार
में निहित नाईम की विधवा के वृत्तान्त के सन्दर्भ में सन्त पापा ने कहा कि नाईम की विधवा
ने अपना एकमात्र पुत्र खो दिया था और जब येसु उसकी शव यात्रा के निकट से गुज़रे तब उन्होंने
केवल उसे जिलाया ही नहीं अपितु विधवा के समीप गये तथा उसे सान्तवना दी। उन्होंने कहा
कि यह इस बात का प्रमाण है कि ईश्वर सदैव हमारे साथ हैं।
उन्होंने कहाः "ईश्वर
अपने लोगों के निकट हैं। इतने समीप कि वे हमारे हृदय की भावनाओं को जानते हैं। वे हमारे
समीप आते तथा करुणा से भर उठते हैं।"
सन्त पापा ने कहाः "समीप्य एवं करुणा के
साथ ईश्वर हमारे समीप आते हैं इसलिये जब हम सुसमाचार के प्रचार का दावा करते हैं तो हमें
भी लोगों के समीप जाना चाहिये, पीड़ितों के प्रति सहानुभूति एवं करुणा दर्शाना चाहिये
तथा उनकी पीड़ाओं को हरने का प्रयास करना चाहिये।"
सन्त पापा ने कहा कि हम सावधान
रहें ताकि हम येसु ख्रीस्त के युग के फरीसियों एवं कानून के रखवालों की तरह न बन जायें
जो कानून की व्याख्या करते थे, लोगों को शिक्षित करने का दावा करते थे किन्तु लोगों के
निकट कभी नहीं जाते थे। इसके विपरीत जब येसु लोगों के पास जाते थे तब वे उनमें आशा का
संचार करते थे इसी प्रकार ख्रीस्तीय उपदेशकों को भी लोगों के पास जाना होगा, उनकी पीड़ाओं
का समझना होगा, उनके दुखों पर करुणा से भर उठना होगा तथा उनमें आशा का संचार करना होगा
अन्यथा उनके शब्द व्यर्थ ही रहेंगे, वे आडम्बर ही कहलायेंगे।