वाटिकन सिटीः ईराकी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना ज़रूरी, कार्डिनल फिलोनी
वाटिकन सिटी, बुधवार, 17 सितम्बर सन् 2014 (सेदोक): वाटिकन के वरिष्ठ कार्डिनल फेरनानदो
फिलोनी ने कहा है कि ईराकी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित्त करना नितान्त आवश्यक है। सीएनएन
टेलेविज़न नेटवर्क से बातचीत में सुसमाचार प्रचार सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष
तथा सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा ईराक में प्रेषित विशेष दूत कार्डिनल फिलोनी ने कथित इस्लामिक
स्टेट के हिंसक कृत्यों को शैतानी गतिविधि घोषित किया है।
कार्डिनल फिलोनी ने
कहाः "कोई भी व्यक्ति या समूह इस प्रकार की गतिविधियों के लिये ईश्वर के नाम का दुरुपयोग
नहीं कर सकता।"
आईएस या आईएसआईएस कहे जाने वाले इस्लामिक स्टेट ने ईराक एवं सिरिया
में विशाल क्षेत्रों पर कब्ज़ा कर लिया है। कार्डिनल फिलोनी सन् 2001 से सन् 2006 तक
ईराक में परमधर्मपीठीय राजदूत थे तथा अगस्त माह में सन्त पापा ने उन्हें विशेष मिशन पर
ईराक भेजा था।
सीएनएन द्वारा पूछे जानेपर कि क्या वे ईराक के लिये युद्ध का समर्थन
करते हैं? कार्डिनल फिलोनी ने कहा कि वे युद्ध शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहते थे।
उन्होंने
कहा, "सन्त पापा ने कई बार कहा है कि युद्ध नहीं होना चाहिये। अस्तु, इस बार हम युद्ध
की बात नहीं कर रहे; हम किसी और विषय पर बात कर रहे हैं।"
कार्डिनल फिलोनी ने
कहा कि जो लोग ज़रूरतमन्द हैं उनकी सुरक्षा सुनिश्चित्त करना हमारा दायित्व है और यदि
ईराकी सरकार यह करने की स्थिति में नहीं है तो किसी और को इस ज़िम्मेदारी का वहन करना
होगा।
कार्डिनल महोदय ने कहा, "एक आतंकवादी दल जिसके पास अतिरिक्त धन, लोग एवं
वैचारिक शक्ति है जो निरस्त्र जनता पर प्रहार कर रहा है, उन लोगों पर जिनके पास स्वतः
का बचाव करने के लिये कोई साधन नहीं क्योंकि वे ग़रीब और साधारण किसान हैं, गाँववासी
हैं, साधारण लोग हैं जो शांतिपूर्वक जीना चाहते हैं।" उन्होंने स्मरण दिलाया कि ईराक
के ये साधारण लोग भी "मानवजाति का अभिन्न अंग हैं, वे ख्रीस्तानुयायी हैं, वे याज़िदी
हैं, अल्पसंख्यक लोग हैं, वे जो भी हैं इस वक्त उन्हें हमारे समर्थन की सख्त आवश्यकता
है।"