2014-09-17 15:30:14

कलीसियाः काथलिक और प्रेरितिक


वाटिकन सिटी, बुधवार 17 सितम्बर, 2014 (सेदोक, वी.आर.)꞉ बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर 17 सितम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में, विश्व के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया।

उन्होंने इतालवी भाषा में कहा, ″ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, काथलिक कलीसिया की धर्मशिक्षा माला को जारी रखते हुए, ‘कलीसियाः काथलिक और प्रेरितिक है’ पर चिन्तन करें।″

उन्होंने कहा, ″जब हम प्रेरितों के धर्मसार को दुहराते हैं, हम यह निश्चित करते हैं कि कलीसिया काथलिक और प्रेरितिक है। काथलिक शब्द का अर्थ है कि यह विश्वव्यापी है और कलीसिया के विश्वव्यापी होने का अर्थ है कि यह विश्वभर में फैली है तथा स्वर्ग और पृथ्वी की सभी सच्चाईयों की शिक्षा देती है। कलीसिया अपनी व्यापकता सभी भाषाओं को बोलने के द्वारा प्रकट करती है जो पेन्तेकोस्त का प्रभाव है जिस दिन प्रेरितों को पवित्र आत्मा प्रदान किया गया था। समस्त कलीसिया को पवित्र आत्मा का वरदान दिया गया है जिससे कि वह सभी के प्रति ईश्वर की मुक्ति एवं प्यार के सुसमाचार की घोषणा संसार के अंत तक करे।

अतः कलीसिया अपने स्वभाव से ही प्रेरितिक है। प्रेरितिक होने का अर्थ है कि उसे सुसमाचार का प्रचार करने एवं उसका साक्ष्य प्रस्तुत करने का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। यह प्रेरितों की नींव पर स्थापित है तथा सारी मानव जाति के लिए सुसमाचार का प्रचार करने एवं ईश्वर के सामर्थ्य और प्यार को प्रकट करने हेतु उनके सदस्यों द्वारा जारी है। यह भी पेन्तेकोस्त द्वारा प्रसृत हुई है।
यह पवित्र आत्मा का सामर्थ्य है जो एक ओर हमें आत्म-केंद्रित होने तथा ईश्वर की कृपा को सिर्फ अपने लिए सीमित समझने से रोकती है, वहीं दूसरी ओर, हमें अपने भाई-बहनों से मुलाकात करने के लिए विवश करती है उन सभी लोगों से भी जो सभी मामलों में हम से अलग हैं। हमें उनके साथ पुनर्जीवित ख्रीस्त का प्यार, शांति और आनन्द बांटना है। हम समस्त मानव जाति के साथ एकात्मकता बनाएँ रखें तथा अपने में बंद न रहें। सभी लोगों के बीच ख्रीस्त एवं उनके प्रेम का प्रचार करने प्रेरितों के उतराधिकारियों की एकता में हम बाहर जाएँ। इस प्रकार पवित्र, काथलिक और प्रेरितिक माता कलीसिया की साक्षी हम सदा बने रहें।

इतना कह कर, संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।
धर्मशिक्षा माला समाप्त करने के उपरांत उन्होंने भारत, इंगलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया वेल्स, वियेतनाम, डेनमार्क, नीदरलैंड, नाइजीरिया, आयरलैंड, फिलीपीन्स, नोर्व, स्कॉटलैंड, जापान, मॉल्टा, डेनमार्क कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, हॉंन्गकॉंन्ग, अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।








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