वाटिकन सिटी, मंगलवार, 16 सितम्बर सन् 2014 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने स्मरण दिलाया
है कि क्रूस तले मरियम पीड़ा सहती रहीं तथा आज्ञाकारी बनी रहीं।
वाटिकन स्थित
सन्त मर्था प्रेरितिक आवास में, सोमवार को ख्रीस्तयाग के अवसर पर प्रवचन करते हुए सन्त
पापा फ्राँसिस ने इस बात का स्मरण दिलाया।
सोमवार को दुखों की माता मरियम के
पर्व के उपलक्ष्य में प्रवचन करते हुए सन्त पापा ने सन्त योहन रचित सुसमाचार में निहित
वृत्तान्त के सन्दर्भ में कहा कि येसु ने योहन से कहा थाः "देखो यह तुम्हारी माता हैं"।
सन्त पापा ने कहा कि इस प्रकार मरियम विश्व की माता रूप में ख्रीस्त द्वारा अभ्यंजित
की गई थी और यही हमारी आशा है।
उन्होंने कहाः "हम अनाथ नहीं हैं क्योंकि हमारी
दो-दो माताएँ हैं, एक है माता मरियम और माता कलीसिया। कलीसिया माता तब बनती है जब वह
येसु एवं मरियम द्वारा दर्शाये पथ पर चलती है और यह पथ है, आज्ञाकारिता का, पीड़ा सहने
का तथा प्रभु के पथ पर चलने की अनवरत शिक्षा पाते रहने का।"
सन्त पापा ने कहा
कि माता मरियम एवं माता कलीसिया हममें ख्रीस्त की आशा को साकार करती तथा हमें ख्रीस्त
का वरदान देती हैं। अस्तु, सन्त पापा ने कहा कि माँ मरियम के बिना येसु ख्रीस्त नहीं
होते; इस प्रकार माँ कलीसिया के बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते।
उन्होंने कहा कि
कलीसिया धर्मशिक्षा द्वारा हमें मार्ग की ओर इंगित करती है जबकि इस मार्ग पर आज्ञाकारिता
के साथ चलने हेतु माँ मरियम हमें सम्बल प्रदान करती है क्योंकि मरियम, येसु ख्रीस्त की
तरह ही आज्ञाकारिता का आदर्श हैं।