बैंगलोरः ईराक, सिरिया एवं अफ्रीका में हिंसा के खिलाफ ख्रीस्तीयों ने किया विरोध प्रदर्शन
बैंगलोर, 16 सितम्बर सन् 2014 (एशियान्यूज़): बैंगलोर में, रविवार 14 सितम्बर को काथलिक
सहित विभिन्न ख्रीस्तीय सम्प्रदायों के हज़ारों लोगों ने ईराक, सिरिया तथा अफ्रीका के
देशों में जारी हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
बैंगलोर के महाधर्माध्यक्ष
बर्नाड मोरस के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया जिन्होंने कहाः "हमें अपनी आवाज़
उठानी होगी।" उन्होंने कहा, "नरसंहार, बर्बर प्रताड़ना एवं हत्याओं के समक्ष चुप रहना
मानवता के विरुद्ध हिंसा के इन कृत्यों में शामिल होना है।"
रविवार को यह "एकात्मता
मार्च" बैंगलोर के सेन्ट जोसफ हाईस्कूल से शुरु हुआ जिसमें काथलिकों सहित एंगलिकन ख्रीस्तीयों,
प्रॉटेस्टेन्ट ख्रीस्तीयों, मैथोडिस्ट, पेन्तेकॉस्टल, सिरियाई ऑरथोडोक्स तथा एवेन्जेलिकल
ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों ने विशाल संख्या में भाग लिया।
इस अवसर पर धर्माध्यक्षों
एवं ख्रीस्तीय नेताओं के प्रतिनिधिमण्डल ने कर्नाटक के राज्यपाल के समक्ष एक मेमो पत्र
भी प्रस्तुत किया जिसमें आग्रह किया गया है कि ईराक में ख्रीस्तीय जनता के विरुद्ध हिंसा
की भारत कड़ी निन्दा करे।
अनाधिकारिक आँकड़ों के अनुसार उक्त हिंसा में अब तक
एक लाख सत्तर हज़ार लोग मारे गये हैं हालांकि अपहरणों, यातनाओं, बम विस्फोटों, हत्याओं
तथा ख्रीस्तीयों के बलात धर्मान्तरण की सभी घटनाओं की रिपोर्ट अन्तरराष्ट्रीय मीडिया
में प्रकाशित नहीं की गई है।
ख्रीस्तीय नेताओं ने भारत के हिन्दू, मुसलमान, सिक्ख,
जैन, बौद्ध तथा पारसी धार्मिक समुदायों से भी अपील की है कि वे ईराक, सिरिया तथा अफ्रीका
के देशों में जारी ख्रीस्तीयों के उत्पीड़न एवं हत्याओं की निन्दा करें।