वाटिकन सिटी, शुक्रवार 12 सितम्बर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ कोंगो के धर्माध्यक्षों से मुलाकात
कर संत पापा ने उन्हें शांति, परिवार एवं युवाओं की स्थिति जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर
प्रकाश डाला। कलीसिया के परम धर्माध्यक्ष के साथ अपनी पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात,
"आद लीमिना" के लिये कोंगो से रोम पधारे काथलिक धर्माध्यक्षों से शुक्रवार 12 सितम्बर
को मुलाकात कर सन्त पापा फ्राँसिस ने उन्हें सम्बोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने शांति,
परिवार तथा युवाओं की स्थिति पर ध्यान केन्द्रित किया।
उन्होंने कहा, ″मैं विशेष
रूप से उन बच्चों एवं युवाओं की याद करता हूँ जो युद्ध के लिए मज़बूर किये जाते हैं।
वे सबसे अधिक दुःख झेल रहे हैं क्योंकि वे बंधे हुए है। वे अध्ययन नहीं कर सकते और न
ही नौकरी। संत पापा ने उन सभी बच्चों एवं युवाओं के लिए गहरी संवेदना व्यक्ति की जिन्हें
सेना में भर्ती होकर हत्याएँ करने पड़ते हैं।
संत पापा ने कोंगो के सभी धर्माध्यक्षों
को प्रोत्साहन दिया कि वे उन बच्चों एवं युवाओं को बचाने का हर सम्भव प्रयास करें। इसके
लिए उन्होंने बच्चों के मन में सुसमाचारी मूल्यों को जागृत करने की सलाह दी।
संत
पापा ने धर्माध्यक्षों से कहा कि वे निरस्त्रीकरण की प्रक्रिया एवं अन्य धर्मों के साथ
पूर्ण सहयोग करते हुए समाज में मेल-मिलाप हेतु प्रेरितिक वार्ता द्वारा न्याय एवं शांति
के लिए निरंतर प्रयास करें।
संत पापा ने धर्माध्यक्षों को परिवारों के करीब रहने
की सलाह दी। उन्होंने कहा कि संघर्ष और ग़रीबी के कारण परिवार टूट जाते हैं। यह अत्यन्त
आवश्यक है कि टूटे परिवारों को जोड़ने का पूरा प्रयास किया जाए क्योंकि परिवार में ही
भ्रातृत्व का स्रोत तथा शांति की जड़ निहित है। संत पापा ने सभी प्रकार की प्रेरिताई
से जुड़े लोगों, धर्मसमाजियों तथा हिंसा के शिकार लोगों की सेवा में लगे लोगों को प्रोत्साहन
दिया।