मध्य पूर्व में ईसाइयों के बीच एकता को बढ़ावा देने हेतु शिखर सम्मेलन
सीरिया, बृहस्पतिवार, 11 सितम्बर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ ‘ईसाई रक्षा’ संगठन के उद्घाटन शिखर
सम्मेलन में भाग लेने हेतु समस्त मध्यपूर्व के ख्रीस्तीय नेता वॉशिंगटन में एकत्र हैं।
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य है, ″सभी ख्रीस्तीय प्रवासी सदस्यों को नव गठित एकता
में जोड़ना।″ सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए पूर्वी कलीसियाओं के धर्म संघ के अध्यक्ष
कार्डिनल लेवनार्दो सांद्री ने कहा, ″मध्य पूर्व में भयावाह घटनाओं के समाचार एवं चित्र
प्रतिदिन सुनने एवं देखने को मिल रहे हैं विशेषकर, ईराक और सीरिया में जिसकी शुरूआत नाईजीरिया
से हुई थी।″
उन्होंने सभी हिंसक एवं क्रूर कार्यों की निंदा करते हुए अपील की
कि आई सी आई सी के प्रति सभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष, राजनीतिक, आर्थिक तथा मीलिटरी
सहयोग का पूर्ण बहिष्कार किया जाए। उन्होंने सीरिया के प्रति विश्व के मौन को भंग करने
का आग्रह किया।
कार्डिनल सांद्री ने इस संघर्ष को इस्लाम और ख्रीस्तीयों के बीच
का संघर्ष मानने के विचार को इनकार किया। उन्होंने कहा कि संघर्ष एक विदेशी ख्रीस्तीय
संस्कृति और एक स्थानीय इस्लामिक अरबी संस्कृति के बीच की नहीं किन्तु मानव की प्रतिष्ठा
तथा उपयोगी सहअस्तित्व पर आक्रमण है। उन्होंने कहा कि हर दूसरा व्यक्ति मूल रूप से
मानव प्राणी है अतः राज्य, संविधान अथवा लोगों के विचार अनुसार उसकी पहचान नहीं दी जा
सकती। उन्होंने हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए इसे व्यक्तिगत आर्थिक लाभ करार दिया तथा
नष्ट करने की संस्कृति कहा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के घृणित कार्य करने वाले अनुल्लंघनीय
मानव प्रतिष्ठा को भी निचले दर्जे का समझने लगते हैं।
उन्होंने ख्रीस्तीयों एवं
अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा हेतु संयुक्त राष्ट्र संघ से अपील की तथा विस्थापित लोगों
को उनके घर पुनः वापस लाने की गारंटी की मांग की। उन्होंने कहा कि हमें लोगों को सिखलाना
होगा कि सभी प्रकार की हिंसा ईश्वर के स्वभाव एवं व्यक्ति की आत्मा के विरूद्ध है। तभी
लोग समझ सकेंगे कि ईश्वर की महिमा को मानव जीवन से अलग नहीं किया जा सका और हमारे बीच
न्याय एवं धार्मिकता का राज होगा।