वाटिकन सिटीः अफ्रीका में ख्रीस्तीय-विरोधी हिंसा की समाप्ति हेतु वार्ता आवश्यक
वाटिकन सिटी, सोमवार 08 सितम्बर सन् 2014 (सेदोक): अफ्रीका के देशों में ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों
के विरुद्ध हिंसा की समाप्ति हेतु सन्त पापा फ्राँसिस ने वार्ताओं को नितान्त आवश्यक
बताया है।
अफ्रीकी देश कैमरून से अपनी पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात के लिये रोम
पधारे काथलिक धर्माध्यक्षों के समूह को शनिवार को दिये सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस
ने कहा कि अफ्रीका महाद्वीप में ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिंसा को समाप्त करने के लिये
ज़रूरी है मुसलमान बन्धुओं के साथ मिलकर वार्ताएँ करना तथा जीवन के महत्व को प्रकाशित
करना।
कैमरून की एक करोड़ 70 लाख की कुल आबादी में 26 प्रतिशत काथलिक धर्मानुयायी
हैं।
नाईजिरिया एवं चाद के सीमावर्ती कैमरून में भी विगत कुछ समय से बोको-हरम
इस्लामी चरमपंथी दल ख्रीस्तीयों को निशाना बनाता रहा है। विगत सप्ताह ही कैमरून की सेना
ने आगाह किया था कि बोको हरम दल कैमरून में अपनी जड़े जमाने की कोशिश कर रहा है। उसने
कैमरून के सीमावर्ती नगर बाँकी में प्रवेश भी कर लिया था किन्तु सेना के हस्तक्षेप के
बाद उसे कैमरून से जाना पड़ा।
कैमरून के धर्माध्यक्षों को अर्पित अपने सन्देश
में सन्त पापा फ्राँसिस ने अन्तरधार्मिक सम्वाद को प्रोत्साहन दिया। कैमरून के कई काथलिक
धर्मप्रान्तों में मुसलमानों की अर्थपूर्ण उपस्थिति की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए उन्होंने
कहाः "शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के लिये अनिवार्य है आपसी विश्वास की भावना में मुसलमान
भाइयों के साथ सम्वाद करना तथा हिंसा को समाप्त करना जिसके शिकार प्रायः ख्रीस्तीय धर्मानुयायी
बनाये जाते हैं।"
कैमरून के परिवारों की मदद करने का भी सन्त पापा ने धर्माध्यक्षों
से अनुरोध किया जो निर्धनता, विस्थापन एवं असुरक्षा के कारण कमज़ोर हैं तथा टूटने की
कगार पर खड़े हैं। इन परिवारों को आर्थिक मदद प्रदान करने के साथ साथ आध्यत्मिक मार्गदर्शन
देने का भी सन्त पापा ने धर्माध्यक्षों को परामर्श दिया।