वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 4 सितम्बर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ ″सभी माताओं के समान कलीसिया
अपने ज़रूरतमंद बच्चों का ख्याल रखती है, गिरे बच्चों को उठाती, घायलों को चंगा करती,
खोये हुओं को ढूँढ़ती तथा उन सभी की रक्षा करती है जो असुरक्षा एवं अत्याचार के शिकार
हैं।″ उक्त बात संत पापा फ्राँसिस ने कही।
बुधवारीय आम दर्शन समारोह के अवसर
पर 3 सितम्बर को संत पापा ने अरबी भाषा के तीर्थयात्रियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि
वे जो असुरक्षित है तथा धर्म के नाम पर अत्याचार के शिकार हो रहे हैं वे कलीसिया के केंद्र
में हैं। कलीसिया उनके साथ उनके दुखों में सहभागी है तथा उनके साहस पर गर्व करती है।″
उन्होंने उन्हें प्रोत्साहन देते हुए कहा, ″आप कलीसिया शक्ति हैं, उनकी क्षमा,
उनके प्रेम एवं मुक्ति का एक ठोस एवं विश्वसनीय साक्ष्य। मैं आप सभी का आलिंगन करता हूँ।
ईश्वर आपको आशीष प्रदान करे एवं वह आप सभी की रक्षा करे।″
विदित हो कि अगस्त
माह में संत पापा फ्राँसिस के ख़ास राजदूत कार्डिनल फेरनांन्दो फिलोनी ने ईराक में इस्लामिक
स्टेट चरमपंथियों द्वारा विस्थापित लोगों के अस्थायी आवासों एवं शिविरों का दौरा किया
था।