भारत, बृहस्पतिवार, 28 अगस्त 2014 (उकान)꞉ ″गरीबी, कुपोषण एवं चिकित्सा सुविधा के अभाव
के कारण झारखंड के दो आदिवासी बच्चों की मृत्यु हुई है।″ यह बात पिलार मिशनरी फादर लिनो
फर्नांडेज़ ने कही।
विदित हो कि हाल में एक ही परिवार के दो बच्चों की मृत्यु
हो गयी। फादर लिनो फर्नांडेज़ ने ऊका समाचार से बातें करते हुए कहा, ″परिवार की आर्थिक
स्थिति अत्यन्त दयनीय होने के कारण एक ही परिवार से दो बच्चों की मृत्यु हुई है और तीसरा
बच्चा बीमार है। सबसे नज़दीक वाला दवाखाना घर से करीब 10 किलो मीटर की दूरी पर स्थित
है।
उन्होंने स्थानीय लोगों की स्थिति की जानकारी देते हुए वाटिकन रेडियो से कहा,
″अधिकतर लोग फूस की झोपड़ियों में रहते हैं जहाँ न पानी, न बिजली और न सड़क की सुविधाएँ
हैं। वे जमीन हीन हैं तथा जीविका हेतु दैनिक मजदूरी पर निर्भर करते हैं, अतः दवाई पर
पैसा खर्च करने का अर्थ है एक दिन की मजदूरी गँवाना।″
भारत के राष्ट्रपति प्रणव
मुखर्जी ने हाल में पश्चिम बंगाल में ख्रीस्तीय मिशनरियों द्वारा शिक्षा और स्वास्थ्य
के क्षेत्र में अर्पित सेवाओं की सराहना की थी किन्तु उन्होंने भी इस बात पर खेद जताया
था कि भारत के आदिवासी बाल मृत्यु दर, निरक्षरता और चिकित्सा आदि के अभाव की सूची में
सबसे ऊपर हैं।