गज़ा, 27 अगस्त सन् 2014 (ऊका समाचार): गज़ा में मंगलवार को संघर्ष विराम की ख़बर मिलते
ही हर्ष की लहर चल पड़ी।
इसराइल और फ़िलीस्तीनी चरमपंथियों के बीच ग़ज़ा पट्टी
में, मिस्र की मदद से, एक लंबे समय के संघर्ष विराम पर सहमति हो गई है। आठ जुलाई को आरम्भ
इस संघर्ष में 2,143 फिलीस्तीनी तथा 69 इसराएली मारे गये हैं।
सात सप्ताहों तक
चले इस संघर्ष की शुरुआत आठ जुलाई को इसराएल ने 'ऑपरेशन प्रोटेक्टिव एज' के तहत की थी।
इसका लक्ष्य इसराएल पर रॉकेट हमलों को रोकना था किन्तु बाद में हमस चरमपंथियों की सुरंगें
नष्ट करने के लिये इसराएल ने हमला जारी रखा था।
संघर्ष विराम की घोषणा के बाद
ग़ज़ा में जश्न के तौर पर हवा में गोलियाँ चलाई गई। इस संघर्ष के दौरान कई बार अल्पकालिक
संघर्ष विराम की घोषणाएँ होती रही थी किन्तु अब पहली बार दीर्घकालिक संघर्ष विराम की
बात हुई है।
अमरीका की सरकार ने संघर्ष विराम को समर्थन दिया है। अमरीका के विदेश
सचिव जॉन कैरी ने मंगलवार को कहा, "हम आज के संघर्षविराम को पूर्ण समर्थन देते हैं।"
उन्होंने सभी पक्षों से निवेदन किया कि वे संघर्षविराम की शर्तों का पूरी तरह पालन करें।
इस बीच संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून ने आशा व्यक्त की है कि
यह संघर्षविराम अन्ततः इसराएली फिलीस्तीनी शांति वार्ताओं को सफल बनायेगा।
बताया
गया है कि आगामी माह विवादास्पद मुद्दों पर मिस्र में दोनों पक्षों के बीच बातचीत होगी।
फिलीस्तीनी पक्ष इसराएल की घेराबंदी की समाप्ति चाहता है ताकि गज़ा के लोगों
तक मानवतावादी एवं लोकोपकारी सामग्री पहुँचाई जा सके।
इस बीच इसराएल के एक अधिकारी
ने पत्रकारों से कहा कि इसराएल ने हालांकि मिस्र का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है तथापि,
समुद्री और हवाई अड्डे या इसराइल में बंद फ़िलीस्तीनी क़ैदियों के मसले पर कोई बात नहीं
हुई है।