2014-08-26 12:35:08

प्रेरक मोतीः सन्त तेरेसा येसुज़ जोरनेट ईबार्स (निधन 1897)


वाटिकन सिटी, 26 अगस्त सन् 2014:

येसु की सन्त तेरेसा अकिंचनों की नन्हीं धर्मबहनों के धर्मसंघ की संस्थापिका है। तेरेसा जोरनेट ईबार्स का जन्म स्पेन के काटालोनिया में हुआ था। अनेकानेक कठिनाइयों से गुज़रने के उपरान्त तेरेसा लेरिदा में शिक्षिका का कार्य करने लगी थीं। ईश्वर के प्रति समर्पित जीवन यापन की इच्छा उनमें कूट-कूट कर भरी थी किन्तु उनके आध्यात्मिक गुरु एवं मार्गदर्शक के परामर्श पर वे किसी भी धर्मसंघ में प्रवेश नहीं प्राप्त कर सकीं। तथापि, उनका मनोबल नहीं टूटा और हताश हुए बिना उन्होंने ख़ुद एक धर्मसंघ की स्थापना कर दी।

27 जनवरी, सन् 1872 ई. में, स्पेन के बारबास्त्रो में येसु की तेरेसा ने अकिंचनों की नन्हीं धर्मबहनों के धर्मसंघ की आधारशिला रखी। इस धर्मसंघ को परित्यक्त आयु के लोगों की नन्हीं धर्मबहनें भी कहा जाता है। अपने अटल विश्वास, दृढ़ संकल्प एवं अनुशासन के बल पर उन्होंने धर्मसंघ का विस्तार किया जो उनके निधन तक 50 से अधिक धर्मसंघीय आश्रमों में विस्तृत हो गया था। सन् 1958 ई. में, येसु की नन्हीं तेरेसा को धन्य घोषित कर कलीसिया में वेदी का सम्मान प्रदान किया गया था। सन् 1974 ई. में, सन्त पापा पौल षष्टम ने येसु की तेरेसा को सन्त घोषित किया था। येसु की नन्हीं तेरेसा का पर्व 26 अगस्त को मनाया जाता है।



चिन्तनः ''मैं तुम लोगों से यह कहता हूँ- यदि तुम फिर छोटे बालकों-जैसे नहीं बन जाओगे, तो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश नहीं करोगे। इसलिए जो अपने को इस बालक-जैसा छोटा समझता है, वह स्वर्ग के राज्य में सबसे बड़ा है और जो मेरे नाम पर ऐसे बालक का स्वागत करता है, वह मेरा स्वागत करता है" (सन्त मत्ती अध्याय 18, 3-5)।








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