ओडिशा, 26 अगस्त सन् 2014 (ऊका समाचार): राजधानी नई दिल्ली सहित भारत के विभिन्न शहरों
में 25 अगस्त को कन्धामाल दिवस मनाया गया तथा सन् 2008 में ओडिशा में हुई ख्रीस्तीय विरोधी
हिंसा के शिकार लोगों के लिये प्रार्थनाएँ अर्पित की गई।
ओडिशा के मुख्य मंत्री
नवीन पटनायक ने विधान सभा में कहा था कि ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिंसक कार्रवाई संघ परिवार
के नेतृत्व में की गई थी।
नई दिल्ली के जंतर मंतर में सोमवार को एक रैली आयोजित
की गई जिसमें कई कलाकारों एवं मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं ने भाग लिया। भक्ति गीतों, बाईबिल
पाठ एवं व्याख्यानों द्वारा कन्धामाल में हिंसा के शिकार हुए लोगों के लिये प्रार्थना
अर्पित की गई। साथ ही सभी धर्मों एवं संस्कृतियों के लोगों के बीच मैत्री एवं प्रेम भाव
की स्थापना हेतु प्रभु से याचना की गई। इसी प्रकार के कार्यक्रम कन्धामाल, भूबनेश्वर,
मुम्बई, बैंगलोर, हैदराबाद एवं अन्य शहरों में भी आयोजित किये गये थे।
ग़ौरतलब
है कि सन् 2008 के 25 अगस्त को कन्धामाल में आरम्भ, ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिन्दू चरमपंथियों
की हिंसा तीन माहों तक चली थी जिसमें कम से कम 120 व्यक्तियों की हत्या हो गई है, 56
हज़ार ख्रीस्तीय लोग विस्थापित हो गये हैं। हत्या के शिकार लोगों में काथलिक एवं प्रॉटेस्टेण्ट
पुरोहित भी शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, हिंसा के दौर में, तीन महिलाओं तथा एक
काथलिक धर्मबहन का दलगत बलात्कार भी किया गया था। ख्रीस्तीयों के लगभग 300 गिरजाघरों,
आश्रमों एवं स्कूलों को आग के हवाले कर दिया गया था तथा उनके लगभग 5,600 मकानों को ध्वस्त
कर दिया गया था।
पुलिस में 3331 शिकायतें की गई जिनमें से 800 ही पंजीकृत की
गई। अदालतों में 518 मामले दायर किये गये थे किन्तु अब तक 247 की ही सुनवाई हो सकी है
और उनमें भी अधिकांश लोगों को दोषमुक्त कर दिया गया है। हत्या के 30 मामलों में केवल
दो मामलों में हत्या का दोष प्रमाणित किया जा सका है।