2014-08-25 15:02:59

पेत्रुस को नया नाम क्यों



वाटिकन सिटी, सोमवार, 25 अगस्त 2014 (वीआर सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने रविवार 24 अगस्त को, संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने तीर्थयात्रियों को सम्बोधित कर कहा,
″अति प्रिय भाइयो एवं बहनो,
सुप्रभात,

इस रविवार का सुसमाचार पाठ संत मती रचित सुसमाचार का एक प्रमुख पाठ है जिसमें बारह शिष्यों की ओर से सिमोन येसु पर अपना विश्वास प्रकट करते हुए कहता है- ″आप मसीह हैं, आप जीवन्त ईश्वर के पुत्र हैं।″ ईसा ने उसके इस विश्वास के कारण उसे धन्य कहा क्योंकि उन्होंने पहचान लिया कि यह पिता की ओर से उसके लिए एक विशेष वरदान था, अतः येसु ने कहा꞉ ″तुम पेत्रुस अर्थात् चट्टान हो और इस चट्टान पर मैं अपनी कलीसिया बनाऊँगा।″

संत पापा ने कहा, ″हम एक क्षण मौन रहकर इस बिन्दु पर चिंतन करें कि येसु ने सिमोन को एक नया नाम प्रदान किया ‘पेत्रुस’ जो येसु की भाषा में ″केफा″ कहा जाता था और जिसका अर्थ है ‘चट्टान’ अर्थात् ईश्वर का प्रतीक।
येसु ने सिमोन को उसकी अपनी क्षमता या किसी मानवीय गुण के कारण नहीं किन्तु उसके वास्तविक एवं दृढ़ विश्वास के कारण ऐसा नाम प्रदान किया जो ऊपर से दिया गया था।

येसु ने अपने दिन में आपार आनन्द का अनुभव किया क्योंकि उन्हें मालूम हो गया कि सिमोन पवित्र आत्मा द्वारा पिता के हाथों में आ चुके थे। उन्हें ज्ञात हो गया कि पिता ईश्वर ने सिमोन को प्रचुर मात्रा में विश्वास की कृपा प्रदान की है जिसपर येसु कलीसिया का निर्माण करेंगे। येसु ने यह निश्चय कर लिया था कि वे अपनी कलीसिया के लिए जो वंश के आधार पर नहीं किन्तु विश्वास के आधार पर निर्मित होगी अपना जीवन अर्पित करेंगे। उनका संबंध ईश्वर से होगा, प्रेम एवं ईमानदारी का संबंध। अपनी कलीसिया की स्थापना हेतु येसु को अपने शिष्यों के बीच ठोस विश्वास की तलाश थी जो भरोसेमंद हो तथा इस समय येसु को वही चीज मिल गयी थी।

प्रभु के मन में समुदाय निर्माण का एक प्रतिरूप था। समुदाय जो एक घर के समान हो अतः जब वे सिमोन के उदार विश्वास की उद्घोषणा को सुनते हैं तो उन्हें शीघ्र चट्टान कहकर पुकारते हैं तथा उस पर कलीसिया के निर्माण की अपनी योजना को प्रकट करते हैं।

संत पापा ने कहा, ″प्रिय भाइयो एवं बहनो, संत पेत्रुस के लिए जो अद्वितीय घटना घटी, वही घटना सभी ख्रीस्तीयों के जीवन में भी घटती है जब वे जीवन्त ईश्वर के पुत्र येसु ख्रीस्त पर सच्चे विश्वास में बढ़ते हैं। आज का सुसमाचार पाठ हम प्रत्येक को चुनौती देता है। जब प्रभु हमारे हृदय में निष्कपट, उदार एवं यथार्थ विश्वास को देखते हैं, तब वे हम में समुदाय के निर्माण हेतु जीवित पत्थर देखते हैं। संत पापा ने कहा कि इस समुदाय के कोने का पत्थर ख्रीस्त हैं कोने का एकमात्र पत्थर। इस प्रकार संत पेत्रुस चट्टान हैं क्योंकि वे कलीसिया की दृश्यमान नींव हैं।

बप्तिस्मा संस्कार प्राप्त सभी ख्रीस्तानुयायी येसु पर अपना विश्वास प्रकट करने के लिए बुलाये गये हैं, ग़रीब किन्तु उदार जिससे कि वे आज भी संसार के कोने-कोने में कलीसिया का निमार्ण जारी रखें ।
आज भी लोग येसु को एक महान नबी, प्रज्ञा के विद्वान तथा न्याय के आदर्श मानते हैं तथा अभी भी येसु अपने शिष्यों से पूछते हैं- तुम क्या कहते हो कि मैं कौन हूँ? हम इसका क्या उत्तर दें। हम इस पर विचार करें।
सबसे बढ़कर हम धन्य कुँवारी मरिया की मध्यस्थता द्वारा पिता ईश्वर से प्रार्थना करें। उनसे कृपा की याचना करें कि हम उदार हृदय से प्रत्युत्तर दे सके- ″आप मसीह हैं, आप जीवन्त ईश्वर के पुत्र हैं।″








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