सेओलः सन्त पापा के कृत्यों से दक्षिण कोरिया के लोग प्रभावित
सेओल, 17 अगस्त सन् 2014 (सेदोक): दक्षिण कोरिया में अपनी पाँच दिवसीय यात्रा के दौरान
सन्त पापा फ्रासिस के कृत्यों एवं उनकी भाव भंगिमाओं ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित
किया।
सेओल से वाटिकन रेडियो के संवाददाता फादर जस्टीन तिर्की ने रविवार को प्रेषित
दस तस्वीरों में सन्त पापा की समृद्ध दक्षिण कोरियाई प्रेरितिक यात्रा को समेटने का प्रयास
किया है। इन तस्वीरों के इन दिनों केवल समाचार पत्रों एवं वेबसाईटों पर ही नहीं बल्कि
दक्षिण कोरिया के मार्गों में भी देखा जा सकता है।
इन तस्वीरों में खास हैं,
उत्साह और उमंग से भरे हँसमुख कोरियाई युवाओं की तस्वीर, "वीवा इल पापा" के नारे लगाते
जोशीले युवाओं का चित्र और सन्त पापा के साथ तस्वीर खिंचवाते युवाओं की तस्वीरों के साथ-साथ
विकलांग बच्चों का आलिंगन करते सन्त पापा, छोटी सी किया गाड़ी से सड़कों के ओर छोर खड़े
लोगों का स्नेहपूर्वक अभिनन्दन करते सन्त पापा तथा कोरिया के धर्म समाजियों एवं धर्मसंघियों
को सन्देश देते सन्त पापा की तस्वीरें।
सबके साथ मृदुल व्यवहार रखनेवाले सन्त
पापा फ्राँसिस दक्षिण कोरिया की यात्रा के दौरान सभी निर्धारित समारोहों में समय पर नहीं
पहुँच पाये। लोगों से मुलाकातों के कारण शनिवार 16 अगस्त को भी कोत्तोन्ये में भी ऐसा
ही हुआ। इस अवसर पर सन्त पापा को विलम्ब के कारण सान्ध्य वन्दना कार्यक्रम रद्द करना
पड़ा।
इस सन्दर्भ में वाटिकन प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी ने कहा कि सन्त पापा
का निर्धारित समय पर न पहुँच पाना पूर्णतः स्वाभाविक है। 60 विकलांग बच्चों एवं वयोवृद्धों
से मुलाकात करने तथा उन्हें अपना आशीर्वाद देने में उन्हें देर हो गई। फादर लोमबारदी
ने कहा, "सन्त पापा के लिये और मैं सोचता हूँ हमारे लिये भी यह महत्वपूर्ण था।"
रविवार,
17 अगस्त की सन्ध्या हेयमी दुर्ग के प्राँगण में सन्त पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तयाग अर्पित
कर छठवें एशियाई युवा दिवस का विधिवत् समापन किया। ख्रीस्तयाग प्रवचन में सन्त पापा ने
एशिया के युवाओं को परामर्श दिया कि अपने दैनिक जीवन में प्रभु ख्रीस्त के साक्षी बन
वे सर्वत्र प्रेम, मैत्री, न्याय एवं शांति के सन्देशवाहक बनें।