सेओलः सन्त पापा के कृत्यों पर दक्षिण कोरियाई आश्चर्यचकित
सेओल, शनिवार 16 अगस्त सन् 2014 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस के कई कृत्यों ने दक्षिण
कोरिया के लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है।
वाटिकन रेडियो के संवाददाता फादर
जस्टीन तिर्की ने अपनी रिपोर्ट में हमें बताया कि 13 से 18 अगस्त तक दक्षिण कोरिया की
यात्रा के दौरान स्थानीय कोरियाई समाचारों में सन्त पापा फ्राँसिस को "आशा के पोप", "विनम्र
सन्त पापा", "दयालु सन्त पापा" तथा "आश्चर्यचकित करनेवाले सन्त पापा" आदि कई नामों से
पुकारा गया।
सन्त पापा को कई ऐसे कृत्य हैं जिनसे कोरिया के लोग गहनतम ढंग से
प्रभावित हुए हैं। सर्वप्रथम तो अपने आगमन के साथ ही उन्होंने बड़ी लम्बी लिमोसीन कार
से यात्रा करने के बजाय कोरिया की स्थानीय मोटर गाड़ी "किया सोल" से यात्रा की। द्वितीय,
इसलिये कि सेओल से देजॉन जाने के लिये उन्होंने हेलीकॉप्टर का प्रयोग नहीं किया बल्कि
बुलेट ट्रेन का चयन किया। इस ट्रेन में सन्त पापा के साथ लगभग 500 अन्य यात्री शामिल
थे।
15 अगस्त को अपने पूर्व निर्धारित प्रवचन से अलग हटकर सन्त पापा ने कोरियाई
लोगों से दक्षिण एवं उत्तर कोरिया के एकीकरण के लिये प्रार्थना का नेतृत्व किया और बाद
में युवाओं के साथ प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान उन्होंने कई युवाओं के साथ हिलमिलकर बातचीत
की तथा कईयों के साथ तस्वीरें खिंचवाई।
शनिवार, 16 अगस्त को कोत्तोन्ये के आध्यात्मिक
केन्द्र में सन्त पापा फ्राँसिस ने लोकधर्मी काथलिक समुदाय के नेताओं से मुलाकात की।
ग़ौरतलब है कि कोरिया में ख्रीस्तीय धर्म की आधारशिला पश्चिमी जगत के मिशनरियों
द्वारा नहीं अपितु वहाँ के लोकधर्मी काथलिकों के बलिदान द्वारा रखी गई थी।
कोरियाई
लोकधर्मी काथलिक समिति की स्थापना सन् 1968 ई. में की गई थी। इस समय दक्षिण कोरिया के
16 काथलिक धर्मप्रान्तों में इस समिति के 27 कार्यालय हैं जो समाज कल्याण कार्यों से
लेकर बच्चों एवं युवाओं को धर्मशिक्षा प्रदान करने तथा आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान
करने में संलग्न हैं।