देजॉन, सोलमेओः सन्त पापा ने भौतिकतावाद के खतरों से किया सावधान
देजॉन, सोलमेओ, शुक्रवार, 15 अगस्त सन् 2014 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने सोलमेओ तीर्थस्थल
पर एशिया के युवाओं को भौतिकतावाद के ख़तरों के प्रति सचेत किया।
शुक्रवार, 15
अगस्त की सन्ध्या सन्त पापा देजॉन से लगभग 43 किलो मीटर की दूरी पर स्थित सोलमेओ तीर्थस्थल
गये जहाँ उन्होंने छठवें एशियाई युवा दिवस के लिये दक्षिण कोरिया में एकत्र लगभग एक लाख
युवाओं को अपना सन्देश दिया।
सन्देश में सन्त पापा ने भौतिकतावाद तथा अमानवीय
आर्थिक निकायों के परित्याग का आग्रह किया जो निर्धनों को मुख्यधारा से अलग करते तथा
आर्थिक लाभ को ही सफलता का मापदण्ड बताते हैं।
उन्होंने युवाओं से अनुरोध किया
कि वे समाज में नवीनीकरण एवं आशा के अस्त्र बनें।
ग़ौरतलब है कि सन् 1950 ई.
के कोरियाई युद्ध के बाद विनाश एवं निपट निर्धनता देखनेवाला दक्षिण कोरिया एशिया का वह
राष्ट्र है जिसकी अर्थव्यवस्था सफलता की सीढ़ियाँ लाँघती चली गई है। लोग अपने धन-वैभव
के प्रदर्शन हेतु बड़ी बड़ी एवं मंहगी कारों में यात्रा करना, पार्टियों एवं क्लबों में
जाना पसन्द करते हैं तथा प्लास्टिक सर्जरी, फलते फूलते व्यापार, युवाओं में महंगे स्कूलों
में प्रवेश पाने की प्रतिस्पर्धा आदि सामान्य बात है। यह भी कहा गया है कि धन की अति
के कारण दक्षिण कोरिया में आत्महत्याओं की दर भी सबसे ऊँची है।
सन्त पापा
ने स्मरण दिलाया कि इस प्रकार का बाह्य प्रदर्शन करनेवाले समाज प्रायः "आन्तरिक अवसाद
एवं खोखलेपन" का अनुभव करते हैं।