हवाई जहाज़ सेः चीन एवं अन्य देशों को सन्त पापा का शुभकामना सन्देश
हवाई जहाज़ से, 14 अगस्त सन् 2014 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने दक्षिण कोरिया जाते
समय विमान से चीन सहित उन सब देशों के नाम तार सन्देश प्रेषित किया जिनसे होकर उनका विमान
गुज़रा।
सन्त पापा का विमान रोम से क्रोएशिया, स्लोवेनिया, ऑस्ट्रिया, स्लोवाकिया,
पोलैण्ड, बेलारूस, रूस, मंगोलिया तथा चीन होता हुआ दक्षिण कोरिया के सेओल पहुँचा। इन
सभी राष्ट्रों के अध्यक्षों के नाम सन्त पापा ने सुख-समृद्धि, मैत्री एवं शांति की हार्दिक
शुभकामनाएँ अर्पित कीं।
इन्हीं तार सन्देशों में चीन के राष्ट्रपति ज़ी जिंगपिंग
के नाम भी सन्त पापा ने तार सन्देश भेजकर मंगलकामनाएँ अर्पित कीं।
ग़ौरतलब है
कि सन् 1949 ई. के बाद से चीन एवं परमधर्मपीठ के बीच कूटनैतिक सम्बन्ध नहीं हैं इसलिये
सन्त पापा का तार सन्देश शुभकामनाओं के आदान प्रदान का अच्छा अवसर सिद्ध हुआ।
सामान्यतः सन्त पापा की सभी अन्तरराष्ट्रीय यात्राओं के दौरान उन देशों के नाम तार सन्देश
भेजे जाते हैं जहाँ से सन्त पापा का विमान गुज़रता है। गुरुवार को चीन को भेजा तार सन्देश
वास्तव में अर्थपूर्ण रहा इसलिये कि सन् 1989 ई. में सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय का विमान
चीन से होकर जाना चाहता था तब बैजिंग ने अनुमति नहीं दी थी।
चीन में सरकार समर्थित
देशभक्त कलीसिया का सदस्य होकर ही धर्म पालन किया जा सकता है। गुप्त रूप से धर्म पालन
करनेवालों तथा सार्वभौमिक कलीसिया एवं सन्त पापा के प्रति स्वामी भक्ति दर्शानेवालों
को नाना प्रकार उत्पीड़ित किया जाता है।
गुरुवार को विमान से चीन के राष्ट्रपति
को प्रेषित सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस ने लिखाः "चीनी हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते,
मैं आपके प्रति राष्ट्रपति महोदय एवं चीन की सम्पूर्ण जनता के प्रति हार्दिक शुभकामनाएं
अर्पित करता हूँ तथा आपके राष्ट्र पर शांति एवं कल्याण की ईश्वरीय आशीष की याचना करता
हूँ।"
सन्त पापा की कोरियाई यात्रा के प्रवक्ता हेओ यूँग योप ने पत्रकारों
को बताया कि लगभग 100 चीनी काथलिक युवाओं ने छठवें एशियाई युवा दिवस में शामिल होने तथा
सन्त पापा फ्राँसिस के साक्षात्कार के लिये सेओल जाने की अनुमति मांगी थी जिनमें से 50
प्रतिशत को अनुमति नहीं मिली है तथा कुछेक को चीनी अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया है।