पत्रकार शांति और एकता के संदेशवाहक, संत पापा फ्राँसिस
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार 14 अगस्त, 2014 (सेदोक,वीर) संत पापा फ्राँसिस ने बुधवार 13
अगस्त को दक्षिण कोरिया की ऐतिहासिक प्रेरितिक यात्रा के दौरान पत्रकारों को संबोधित
करते हुए उनके कार्यो की सराहना की। उन्होंने कहा कि वे शांति के संदेशवाहक बनें। संत
पापा के साथ दक्षिण कोरिया की यात्रा करने वालों में 11 राष्ट्रों के 72 पत्रकार शामिल
थे। संत पापा ने कहा कि वे पत्रकारों के सेवा की सराहना करते हैं। उनका जीवन चुनौतिपूर्ण
है। उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया की यात्रा भी आसान नहीं होगी विशेष करके गर्मी के
कारण। संत पापा ने कहा कि चुनौतियों के बावजूद आप के शब्द दुनिया को एकता के एकसूत्र
में बाँधने और शांति के प्रचार में सहायक होते हैं। संबोधन के दौरान ही वाटिकन प्रवक्ता
फादर फेदेरिको लोमबारदी द्वारा ग़ज़ा में एक इताली पत्रकार सिमोने कामिल्ली की मृत्यु
की ख़बर पर संत पापा ने उसके लिये मौन प्रार्थना की और कहा कि वह विनाशकारी युद्ध का
शिकार हो गया। सिमोने और एक फिलीस्तीनी अनुवादक की मृत्यु 13 अगस्त को उस समय हो गयी
जब वे युद्धग्रस्त ग़ज़ा क्षेत्र की रिपोर्टिंग कर रहे थे। संत पापा ने कहा कि वे
रोम की वापसी यात्रा पर वे पत्रकारों के प्रत्येक प्रश्न का उत्तर देंगे यद्यपि उनकी
स्थिति ‘‘सिंह के माँद में दानिएल’ के जैसी होगी’’। उन्होंने तुरन्त कहा, ‘’ पर ये सिंह
हिंसक नहीं है।‘’ विदित हो संत पापा फ्राँसिस एक जेस्विट रूप में एशिया में संत फ्राँसिस
जेवियर के समान मिशनरी बनना चाहते थे। बृहस्पतिवार 14 अगस्त की सुबह शहीदों की पावन
धरती दक्षिण कोरिया में कदम रखने के साथ ही उनकी यह इच्छा आंशिक रूप से पूर्ण हो गयी।
दक्षिण कोरिया की अपनी पाँच दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के दौरान अनेक कार्यक्रमों की
अध्यक्षता करते हुए संत पापा एशिया के युवाओं से मुलाक़ात कर उनकी सकारात्मक भूमिका पर
प्रकाश डालेंगे, एक भव्य समारोह में सिओल में 124 कोरियाई शहीदों को धन्य घोषित करेंगे
और विशेष प्रार्थना अर्पित करेंगे ताकि क्षेत्र में शांति, सद्भाव और वार्ता का वातावरण
स्थापित हो।