2014-08-09 12:23:18

प्रेरक मोतीः क्रूस की सन्त तेरेसा बेनेडिक्टा, ईडिथ स्टाईन (1891-1942)


वाटिकन सिटी, 09 अगस्त सन् 2014:

क्रूस की सन्त तेरेसा बेनेडिक्टा, कुँवारी और शहीद ईडिथ स्टाईन का जन्म पोलैण्ड के ब्रेसलाओ में 12 अक्टूबर, सन् 1891 ई. में हुआ था। एक धर्मपरायण यहूदी परिवार में जन्मी ईडिथ स्टाईन, एक विशाल परिवार की, सबसे छोटी बेटी थी। ईडिथ एक बहुत ही प्रतिभाशाली विद्याथी थी तथा दर्शन शास्त्र में दक्ष थीं, विशेष रूप से, घटना-क्रिया विज्ञान में उनकी अत्यधिक रुचि थी। अध्ययन करते करते काथलिक विश्वास के प्रति उनमें रुचि जागृत हुई। उन्होंने अवीला की सन्त तेरेसा का जीवन चरित पढ़ा और उससे इतनी प्रभावित हुई कि सन् 1922 ई. में जर्मनी के कोलोन शहर स्थित काथलिक महागिरजाघर में, बपतिस्मा ग्रहण कर, काथलिक धर्म का आलिंगन कर लिया।


बपतिस्मा के 11 वर्ष बाद दर्शनशास्त्री ईडिथ ने कारमेल मठ में प्रवेश किया तथा क्रूस की तेरेसा बेनेडिक्टा नाम धारण कर लिया। जर्मनी में राजनैतिक उथल-पुथल के चलते उन्हें हॉलैण्ड स्थित एख्ट के मठ में प्रेषित कर दिया गया था। नाज़ी सेना हॉलैण्ड पर भी हावी हो गई तथा 20 जुलाई सन् 1942 ई. को हॉलैण्ड के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने एक सार्वजनिक वकतव्य प्रकाशित कर नाज़ी अत्याचारों की घोर निन्दा की। प्रतिशोधवश नाज़ियों ने हॉलैण्ड स्थित सभी काथलिक पल्लियों एवं मठों में जाँचपड़ताल करवाई तथा काथलिक धर्म स्वीकार करनेवाले समस्त यहूदियों की गिरफ्तारी का वॉरंट जारी कर दिया। इसी समय सि. तेरेसा बेनेडिक्टा यानि ईडिथ स्टाईन तथा उनकी बहन सि. रोज़ गिरफ्तार कर ली गई। इन्हें पोलैण्ड के आऊश्विट्स नज़रबन्दी शिविर में भेज दिया गया।


09 अगस्त 1942 ई. को नाज़ी गैस चेम्बर में क्रूस की तेरेसा बेनेडिक्टा यानि ईडित स्टाईन की मृत्यु हो गई। सन् 1987 ई. में धन्य सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने जर्मनी के कोलोन शहर के महागिरजाघर में उन्हें धन्य घोषित किया था।


सन् 1930-1940 के दशक में पश्चिमी यूरोप में नाज़ियों द्वारा ढाई गई अकथनीय मानवीय पीड़ा के बीचोबीच ईडिथ स्टाईन के समर्पण, प्रार्थना, उपवास एवं पश्चाताप का सुन्दर और रमणीय जीवन प्रस्फुटित हुआ। नरसंहार की शैतानी दुष्टता द्वारा यद्यपि उनका जीवन बुझ सा गया था तथापि, दुष्टता, अँधकार और उत्पीड़न की विकरालता के बीच उनकी स्मृति कभी न बुझनेवाले प्रकाश की तरह जगमगाती रहेगी। 11 अक्टूबर, सन् 1998 को ईडिथ स्टाईन, क्रूस की सन्त तेरेसा बेनेडिक्टा को सन्त घोषित कर, कलीसिया में वेदी का सम्मान प्रदान किया गया था। शहीद ईडिथ स्टाईन, क्रूस की सन्त तेरेसा बेनेडिक्टा का पर्व 09 अगस्त को मनाया जाता है।



चिन्तनः ईडिथ स्टाईन की स्मृति में हम उन सब काथलिकों के लिये प्रार्थना करें जो अपने विश्वास के कारण सताये जा रहे हैं तथा धार्मिक स्वतंत्रता से वंचित हैं।

प्रभु येसु कहते हैं: "धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के कारण अत्याचार सहते हैं! स्वर्गराज्य उन्हीं का है। धन्य हो तुम जब लोग मेरे कारण तुम्हारा अपमान करते हैं, तुम पर अत्याचार करते हैं और तरह-तरह के झूठे दोष लगाते हैं। खुश हो और आनन्द मनाओ स्वर्ग में तुम्हें महान् पुरस्कार प्राप्त होगा। तुम्हारे पहले के नबियों पर भी उन्होंने इसी तरह अत्याचार किया था" (मत्ती, अध्याय 5: 10-12)।








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