2014-08-06 11:47:21

वाटिकन सिटीः समय ईश्वर का वरदान इसे व्यर्थ न गँवाया जाये सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, बुधवार 06 अगस्त सन् 2014 (सेदोक): रोम स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में, मंगलवार सन्ध्या, युवा वेदी सेवकों के साथ सान्ध्य वन्दना के अवसर पर सन्त पापा ने कहाः "ईश्वर प्रकट कर चुके हैं कि वे प्रेमी एवं दयालु पिता हैं। ऐसा उन्होंने ईशपुत्र के देहधारण द्वारा किया जो हमारे समान बनकर हमारे बीच आये।"


सन्त पापा ने कहा "ईश्वर क्या चाहते यह हम येसु से समझ सकते हैं। वे चाहते हैं कि स्वतंत्रता का वरदान प्राप्त करनेवाले मानव प्राणी यह जानें कि ईश्वर अपनी सन्तान रूप में सदैव उनकी रक्षा करते हैं।"


सन्त पापा ने कहा कि वेदी सेवक ख्रीस्तयागों के दौरान अपनी सेवाओं द्वारा येसु के समीप जाने का सौभाग्य पाते हैं इसलिये उन्हें ध्यान पूर्वक सुसमाचार पाठ सुनना चाहिये तथा बाद में भी उस पर मनन करना चाहिये ताकि उसका वरण अपने दैनिक जीवन में कर सकें।


युवाओं ने सन्त पापा से इस अवसर पर प्रश्न भी किये। युवा परिवार एवं स्कूल के अनुशासन एवं नियम के अधीन रहकर किस प्रकार अपनी ज़िम्मेदारियाँ निभा सकते हैं तथा कलीसिया में उनकी क्या भूमिका है? यह पूछने पर सन्त पापा ने कहाः "विश्व को उन लोगों की ज़रूरत है जो अपने जीवन द्वारा साक्ष्य दें कि ईश्वर उनसे प्रेम करते हैं, कि ईश्वर सबके प्रेमी पिता हैं।"


सन्त पापा ने कहा कि अपने दैनिक जीवन में ईश्वर के प्रेम का साक्ष्य प्रदान कर युवा व्यक्ति समाज एवं कलीसिया में रचनात्मक भूमिका निभा सकते हैं।


युवाओं को सन्त पापा फ्राँसिस ने परामर्श दिया कि वे अपना समय बरबाद न होने दें। उन्होंने कहाः "समय ईश्वर द्वारा प्रदत्त वरदान है जिसका सदुपयोग अनिवार्य है। सम्भवतः अनेक युवा अपना बहुत सा समय व्यर्थ की बातों में गँवा देते हैं, इन्टरनेट पर बातचीत से, मोबाईल फोन पर बातचीत से और कई तकनीकी उत्पादों में अपना समय व्यर्थ ही नष्ट कर देते हैं।


उन्होंने कहा कि नई तकनीकियों के नये उत्पादों का लक्ष्य "जीवन को सरल एवं सुगम बनाना होना चाहिये, जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना होना चाहिये किन्तु दुर्भाग्यवश वास्तव में महत्वपूर्ण तथ्यों से ध्यान हटा लिया जाता है।"








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