वाटिकन सिटीः सन्त पापा ने युवाओं से किया स्वतंत्रता के सदुपयोग का आग्रह
वाटिकन सिटी, बुधवार 06 अगस्त सन् 2014 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने युवाओं से आग्रह
किया है कि वे अपनी स्वतंत्रता का सदुपयोग कर प्रेम एवं विश्वास का प्रसार करें।
मंगलवार,
05 अगस्त को रोम स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्र जर्मनी के लगभग
50,000 युवा वेदी सेवकों को सम्बोधित कर सन्त पापा फ्राँसिस ने युवा काथलिकों से आग्रह
किया कि वे अपनी स्वतंत्रता का उपयोग सावधानीपूर्वक करें, ईश्वर के पुत्र पुत्रियों के
सदृश अपनी मान मर्यादा की रक्षा करें तथा प्रतिदिन प्रार्थना के लिये समय निकालें।
उन्होंने
कहा, "यदि आप येसु का अनुसरण करेंगे तो आपकी स्वतंत्रता उपवन में लगाये वृक्ष की तरह
फूलेगी-फलेगी तथा अच्छे एवं विपुल फल उत्पन्न करेगी। आप यथार्थ आनन्द की अनुभूति प्राप्त
करेंगे इसलिये कि येसु चाहते हैं कि हम प्रफुल्लित एवं परिपूरित स्त्री पुरुष बनें।"
सन्त
पापा ने कहा कि जब स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया जाता है तो व्यक्ति ईश्वर से दूर हो जाता
है तथा अपनी मान मर्यादा खो बैठता है। स्वतंत्रता का दुरुपयोग व्यक्ति को "दास में रूपान्तरित
कर सकता है, उसे पाप की दासता में ढकेल सकता है।"
13 से 27 वर्ष की उम्रवाले
वेदी सेवकों की पाँच दिवसीय रोम यात्रा का आयोजन जर्मनी के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन
द्वारा किया गया है जिसमें न केवल जर्मनी बल्कि ऑस्ट्रिया, स्विटज़रलैण्ड, लिथुआनिया
एवं उत्तरी इटली के 50,000 वेदी सेवक एवं सेविकाएं तथा उनकी पल्लियों के पुरोहित भाग
ले रहे हैं।
मंगलवार को वेदी सेवकों ने सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार
कर उनका सन्देश सुना तथा बुधवार को वे साप्ताहिक आम दर्शन समारोह के लिये सन्त पेत्रुस
महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित रहे।
अपने परमाध्यक्षीय काल के आरम्भ
के बाद से पहली बार मंगलवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने जर्मन भाषा में अपना प्रवचन किया।
सन् 1980 के दशक में अपने शोध कार्य के लिये सन्त पापा फ्राँसिस जर्मनी में अध्ययनरत
थे।